Gwalior news: गुरु, शुक्र की अस्त अवस्था, बसंत पंचमी व फुलेरा दौज में किए जा सकेंगे शुभ कार्य
Updated: | Mon, 18 Jan 2021 11:30 AM (IST)
ग्वालियर (नईदुनया प्रतिनिधि)। 17 जनवरी को गुरु शाम 6:05 बजे पश्चिम में अस्त होकर माघ शुक्ल की तृतिया के दिन 14 फरवरी को पूर्व दिशा में उदय होगा। इसी प्रकार शुक्र 13 फरवरी को पूर्व दिशा में अस्त होकर, चैत्र शुक्ल षष्ठी रविवार 18 अप्रैल 2021 को पश्चिम में उदय होगा। इसके बीच में होलाष्टक 21 मार्च से 28 मार्च 2021 तक रहेंगे।
ज्योतिषाचार्य डा. हुकुमचंद जैन ने बताया कि कोई ग्रह जब अस्त होता है, तब वह सूर्य के निकट आ जाता है। मतलब कोई भी ग्रह सूर्य के पास आने से अपने असर को खो देता है। उसका प्रभाव कम हो जाता है, फिर जो ग्रह जिन कामों से संबंधित होता है उन्हें उतनी सफलता देखने को नहीं मिलती। कन्याओं के विवाह के कारक माने जाने वाले गुरु ग्रह हैं, उनके अस्त होने से विवाह पर रोक रहती है। इसी प्रकार वर के विवाह के कारक ग्रह शुक्र हैं, साथ ही और भौतिक सुख संपन्नादा के भी हैं। इसीलिए गृह प्रवेश, विवाह, देव प्रतिष्ठा, मुंडन, भूमि पूजन आदि शुभ कार्यों पर गुरु और शुक्र के अस्त रहने पर रोक रहेगी, लेकिन बालक के जन्म के बाद सूतक संस्कार, नामकरण, पूजन-हवन कथा वाचन, सगाई, भूमि का क्रय-विक्रय वस्त्र, आभूषणों की खरीदारी इत्यादि पर कोई असर नहीं होता। यह कार्य किए जा सकते हैं। 16 फरवरी को बसंत पंचमी और 15 मार्च फुलेरा दौज को अबूझ मुहूर्त में विवाह आदि कार्य किए जा सकते हैं।