सुपर स्पेशियलिटी में बिना चीरे के निकाली जाएगी पथरी, जिले में धूल खा रहीं मशीनें
जयारोग्य में मरीजों के उपचार के लिए नई नई मशीनों की मांग की जा रही है। पर विसंगति देखिए किर जिले के अस्पतालों मशीन धूलखारहीहैं।
Updated: | Mon, 23 May 2022 09:50 AM (IST)
ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। जयारोग्य अस्पताल में मरीजों के उपचार के लिए नई नई मशीनों की मांग की जा रही है। पर विसंगति देखिए किर जिला स्वास्थ्य के अस्पतालों में रखी मशीनें धूल खा रही हैं। पर मरीजों केा इन लाखों रुपये की मशीनों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इधर जेएएच के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में गुर्दे से पथरी निकालने के लिए आधुनिक मशीन मंगवाई जा रही है। जिसकी मदद से बिना चीरा लगाए लेजर से पथरी को गुर्दे से निकाला जाएगा। इसके साथ ही लंबे समय से गुर्दे में पथरी होने पर गुर्दे पर उसके प्रभाव का पता लगाने के लिए डायथलीनट्रिआमीन पेंटाअसिटेट (डीटीपीए)रीनल स्कैन की जांच के लिए मशीन की मांग की गई है।
क्या होता एक्सट्राकोपोरियल शोक वेव लिथोट्रिप्सी
ईएसडब्ल्यूएल शोक वेव उत्पन्न करके गुर्दे में स्थित पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है, जो मूत्र मार्ग से आसानी से बाहर निकल जाते हैं। डा सुरजीत धाकरे ने बताया कि एडवांस यूरोलॉजी सेंटर में आधुनिक व नवीनतम उच्च तकनीक वाली एक्सट्राकोपोरियल शोक वेव लिथोट्रिप्सी मशीन की मांग की गई है जो अगले सप्ताह तक मिल जाएगी जिसके बाद मरीजों को सुविधा मिल जाएगी।
डायथलीनट्रिआमीन पेंटाअसिटेट की जांच
इस टेस्ट में, एक रेडियोएक्टिव (विकिरणों का उत्सर्जन करने वाली) दवा जैसे डायथलीनट्रिआमीन पेंटाअसिटेट (डीटीपीए) को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है और फिर, एक विशेष गामा कैमरे की मदद से तस्वीरों को कैप्चर किया जाता है। डीटीपीए रीनल स्कैन को मुख्य रूप से ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (जीएफआर) को मापने के लिए किया जाता है। असल में यह जांच उन मरीजों के लिए उपयोगी होती है जिनके गुर्दे में लंबे समय से पथरी होने पर गुर्दे में परेशानी खड़ी हो जाती है। इस जांच से पता किया जाता है कि गुर्दा किस स्थिति में है । इस मशीन की भी सुपर स्पेशियलिटी प्रबंधन द्वारा मांग की गई है।
प्रसूतिगृह में धूल खा रही मशीन
डेढ़ साल पहले जिला अस्पताल से बिरला नगर प्रसूतिगृह को आटो एनलाइजर मशीन उपलब्ध कराई गई थी। इस मशीन की मदद से सीबीसी की जांच की जाती है। जिसमें प्लेटलेट्स की गिनती के अलावा आरबीसी, डब्ल्यूवीसी,सहित अन्य जांच की रिपोर्ट मिल जाती हैं। पर इस मशीन के लिए रेजेंट /जांच में प्रयुक्त होने वाले कैमिकल/ की उपलब्धता न होने के कारण बंद पड़ी हुई और डेढ़ साल से धूल खा रही है।
अगल अलग स्थानों पर यह मशीनें खा रहीं धूल
आटो बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर उक्त मशीन से एलएफटी, आरएफटी, लिपिड प्रोफाइल, विटामिन-डी, विटामिन-डीथ्री सहित सहित दस महत्वपूर्ण जांचें की जा सकती हैं। सीबीसी काउंटर मशीन से सीबीसी, एचबी, डब्ल्यूबीसी, आरबीसी, प्लेटलेट काउंट सहित हिमोटोलॉजी की जांचे की जाती हैं। इम्यूनोऐसे एनालाइजर से थायराइड, एचबीए1सी सहित अन्य जांचे की जाती है। क्यूएबलो मीटर मशीन से एपीटीटी, पीटी सहित ब्लड फैक्टर की अन्य जांचे की जाती हैं। इलेक्ट्रो एनालाइजर पर सोडियम, पेटेशियम, क्लोराइड सहित अन्य जांचे की जा सकती हैं।पर यह मशीन अलग अलग स्थानों पर धूल खा रही हैं।
Posted By: anil.tomar