जबलपुर कॉलम: साहब की ‘धार’ के किस्से
शांत दिखने वाले साहब की धार इतनी तेज है कि लाल बिल्डिंग के जो अधिकारी-कर्मचारी अब तक लापरवाही का लबादा ओढ़े थे।
कॉलम- नगर सरकार-सुनील दाहिया, जबलपुर, नईदुनिया। धार से आए लाल बिल्डिंग के नए साहब के काम करने और कराने का तरीका देख मातहतों की नींद उड़ गई है। शांत दिखने वाले साहब की धार इतनी तेज है कि लाल बिल्डिंग के जो अधिकारी-कर्मचारी अब तक लापरवाही का लबादा ओढ़े थे, या काम से जी चुरा रहे थे, वे भी अब काम की मुख्य धारा में लौटने लगे हैं। सफाई की बात करें तो शहर को इंदौर की तर्ज पर स्वच्छता में नंबर वन बनाने के लिए जिस तरह से साहब सफाई के लिए कड़ाई बरत रहे हैं उससे अब सफाई के दौरान सुबह और फिर रात को अधिकारी सड़कों पर दिखने लगे हैं। मैदानी अमला भी मैदान पर काम करते नजर आने लगा है। साहब के काम करने का तरीका देख मातहतों में ये चर्चा है कि साहब जब धार में थे तब उनकी काम की धार से कई अधिकारी धारों-धार बह गए थे।
जिले में कमाया नाम शहर में हो गई छीछालेदर :
सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायतों को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान जितने गंभीर हैं, नौकरशाह उतने ही बेपरवाह। खासतौर से लाल बिल्डिंग के अधिकारी-कर्मचारी। यहीं कारण है कि सीएम हेल्पलाइन को लेकर जारी की गई रैंकिंग में जबलपुर जिला तो दूसरे स्थान पर रहा। लेकिन स्थानीय स्तर पर शिकायतों का समय पर निपटारा न किए जाने पर जबलपुर की छीछालेदर हो गई। जिले में अव्वल और स्थानीय स्तर पर घटिया रैंक आने की वजह टटोली गई तो पता चला जिस माह की रैंकिंग जारी हुई है उस माह लाल बिल्डिंग के अधिकारी-कर्मचारी बेपरवाही में गुम थे। राजकाज बिना राजा की फौज जैसा चल रहा था। न किसी को सीएम हेल्पलाइन की चिंता थी न शिकायतों का निराकरण कराने का माद्दा। विभागों में शिकायतें पहुंची नक्कारखाने में तूती की आवाज सरीके दबी रह गईं। जब परिणाम सामने आए तो जबलपुर जबलपुर छह कदम पिछड़ कर आठवें स्थान पर रहा।
जब रोज हजार मिलेंगे क्या तब ही जागोगे?
कोरोना की पहली और दूसरी लहर इतनी तेज नहीं थी जितनी तीसरी है। हर तीसरा व्यक्ति इसकी जद में आ रहा है। पहली और दूसरी लहर में तो एक दिन में धीरे-धीरे संक्रमित ही सामने आते थे, लेकिन तीसरी ने तो आफत ही कर दी। एक ही दिन में रिकार्ड तोड़ 700 से ज्यादा नए संक्रमित मिल रहे हैं। जाहिर है ये आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। कोरोना से नागरिकों सुरक्षित रखने के लिए पहले लाल बिल्डिंग के जिम्मेदार शहर को सैनिटाजर से नहला देते थे। अब भी लाल बिल्डिंग में सैनिटाइजर ड्रमों से भरा पड़ा है, फिर भी न जाने क्यों जिम्मेदार तमाशबीन की भूमिका में हैं। जबकि कोरोना स्मार्ट सिटी के दफ्तर तक पहुंच गया है। कई अधिकारी, कर्मचारी संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। लाल बल्डिंग भी इससे अछूता नहीं रहा। अब जनता पूछ रही है कि जब रोज हजार मिलेंगे क्या तब ही जागोगे?
नौकरी जो न कराए कम है :
लाल बिल्डिंग का खाली खजाना भरने साहब ने वसूली अमले को हर वार्ड से रोजाना 60 रसीदें काटने का लक्ष्य दिया है। सुबह से शाम तक मैदानी अमला टैक्स वसूली के एक सूत्रीय काम में जुट गया है। घर-घर दस्तक देकर लोगों से टैक्स जमा करने की मनुहार की जा रही है। ये कहकर कि भैय्या अभी तो रसीद कटवा लो बाद में अपन समझ लेंगे। वहीं कई जगह तो उनकी काफी लानत-मलानत भी हो रही है। मसलन जिन क्षेत्रों में रोजाना सफाई नहीं हो रही या फिर कचरा गाड़ी नहीं आ रही। वे घर पहुंचे टैक्स वसूली अमले पर ही अपनी भड़ास निकाले पड़े हैं। यह कहते हुए कि सुविधाएं मिल नहीं रहीं तो टैक्स काय का दें। अब लक्ष्य पूरा करना है तो अधिकारी भी विभागीय अधिकारियों को फोन लगाकर सफाई भी करवा रहे। अब नौकरी करने के लिए पता नहीं और क्या-क्या करना पड़ेगा है।
Posted By: Brajesh Shukla