Morena Atal Progress way : अटल प्रोग्रेस वे: जमीन अधिग्रहण को लेकर बन रहा असमंजस, जिलों में अलग-अलग वादा कर रहे अफसर
Updated: | Sat, 21 Nov 2020 08:00 PM (IST)
अटल चंबल प्रोगेस-वे तो एक है, पर मुरैना, श्योपुर और भिंड जिला प्रशासन के निर्देश-वादे अलग-अलग
किसानों से श्योपुर में दोगुनी जमीन, मुरैना में जमीन के बदले जमीन तो भिंड में नकद मुआवजे का वादा
हरिओम गौड़, मुरैना (नईदुनिया प्रतिनिधि ) मुरैना, श्योपुर एवं भिंड के जिन किसानों की जमीनों का अधिग्रहण चंबल प्रोग्रेस-वे के लिए होना है, उनको रिझाने के लिए प्रशासन तरह-तरह के वादे कर रहा है। अधिकांश किसान नकद मुआवजा मांग रहे हैं, स्थिति यह है कि हर जिले के अफसर किसानों को मनाने के लिए अलग-अलग बातें कर रहे हैं। श्योपुर में किसानों को दोगुनी जमीन देने का वादा किया जा रहा है, लेकिन जमीन के बदले दोगुनी जमीन देने का सरकार का कोई नियम नहीं आया। मुरैना में जमीन के बदले जमीन तो भिंड में किसानों को जमीन या नकद मुआवजा देने जैसी बातें कही जा रही है।
गौरतलब है कि राजस्थान के दीगोद से लेकर श्योपुर, मुरैना और भिंड होते हुए उत्तर प्रदेश तक को जोड़ने के लिए 404 किलोमीटर लंबा अटल चंबल प्रोग्रेस-वे बनाया जा रहा है। भारत माला परियोजना के तहत नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) द्वारा बनाए जाने वाले इस प्रोग्रेस-वे की लंबाई मप्र के श्योपुर, मुरैना व भिंड जिले में 309.08 किलोमीटर होगी और इसके निर्माण पर 6 हजार 58 करोड़ 26 लाख रुपये का खर्च आंका जा रहा है। मप्र सरकार को जमीन का अधिग्रहण कर केन्द्र सरकार को देना है। प्रोजेक्ट में 52 फीसद जमीन सरकारी तो 48 फीसद जमीन किसानों की आ रही है। किसानों की जमीन को अधिग्रहित करने का जिम्मा मुरैना, श्योपुर और भिंड जिला प्रशासन को दिया है, लेकिन अधिग्रहण 20 फीसद भी नहीं हो पाया है। मुरैना में 55 गांव के 1700 से ज्यादा किसानों की 4200 बीघा से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण होना है, पर अभी 100 किसानों से भी जमीन अधिग्रहित नहीं हुई। श्योपुर में करीब 1100 किसानों से 3000 बीघा जमीन का अधिग्रहण होना है। इनमें से जिला प्रशासन 408 किसानों की सहमति ले चुका है, 700 किसान जमीन देने अब तक तैयार नहीं।
श्योपुर कलेक्टर का प्रस्ताव, पर सरकार ने माना नहीं
किसानों को जमीन के बदले दोगुनी जमीन देने का प्रस्ताव श्योपुर कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव ने चार माह पहले मप्र सरकार को भेजा था, लेकिन सरकार ने इसपर अभी तक कोई फैसला नहीं दिया। श्योपुर में 408 किसानों से यह कहकर जमीन अधिग्रहण की सहमति ले ली है कि उनकी अगर एक बीघा जमीन जाएगी तो उन्हें 2 बीघा जमीन सरकार देगी। मुरैना में किसानों को जमीन के बदले उतनी ही जमीन देने का वादा किया रहा है।
राजस्थान में कोई सुगबुगाहट नहीं
प्रोग्रेस-वे पहले श्योपुर के खातौली से शुरू होकर वीरपुर, मुरैना के गढ़ोरा, अंबाह होते हुए भिंड के शिहुदा होकर उत्तर प्रदेश के नेशनल हाइवे 719 से जुड़ना था। बाद में इसे दिल्ली मुंबई कॉरीडोर से उत्तरप्रदेश के दिल्ली इलाहाबाद कॉरीडोर से जोड़ने का फैसला लेते हुए खातौली की बजाय इसकी शुरुआत राजस्थान के दीगोद से करने का फैसला लिया। राजस्थान में प्रोग्रेस-वे की लंबाई 78 किलोमीटर बढ़ गई है, लेकिन राजस्थान में इसके निर्माण कोई सुगबुगाहट नहीं।
अटल प्रोगेस-वे एक नजर में
-कुल 394 किमी का होगा।
-मप्र में 309 किमी का बनेगा।
-राजस्थान में 85 किमी का हिस्सा होगा।
-100 फीट चौड़ा, फोरलेन मेगा हाइवे होगा।
-100 किमी रफ्तार से वाहन चले, ऐसा डिजाइन बनेगा।
- मुरैना जिले में 144 किलोमीटर।
- श्योपुर जिले में में 97 किलोमीटर।
- भिंड जिले में 67 किमी का हिस्सा होगा।
वर्जन
- किसानों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी चल रही है। दोगुनी जमीन देने का कोई सर्कुलर हमारे पास शासन से नहीं आया इसलिए, किसानों को उतनी ही जमीन देने की बात कह रहे हैं जितनी अधिग्रहित होगी।
एलके पाण्डेय, डिप्टी कलेक्टर, मुरैना
- हां श्योपुर जिले में किसानों को दोगुनी जमीन देने का वादा किया जा रहा है। श्योपुर की ओर से ही किसानों को दोगुनी जमीन देने का प्रस्ताव भोपाल भेजा गया था, लेकिन शासन से कोई आदेश नहीं आया। फिलहाल जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों की सहमति ले रहे हैं।
रूपेश उपाध्याय, एसडीएम, श्योपुर
- अटल प्रोग्रेस-वे के लिए भिंड में जमीन अधिग्रहित होनी है। किसानों को जमीन के बदले जमीन मिलेगी या नगद कुआवजा दिया जाता है इसे लेकर चर्चा चल रही हैै। अभी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हुआ।
उदयवीर सिंह सिकरवार, एसडीएम, भिंड
Posted By: anil.tomar