सरकार गरीबों को पहुंचा रही डबल खाद्यान्ना, पीडीएस दुकानें बांट रही आधा
जिस निशुल्क खाद्यान्ना वितरण पर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। उस खाद्यान्ना वितरण प्रणाली को पीडीएस दुकानों के संचालक और जिम्मेदार ही पलीता लगारहेहैं।
Updated: | Tue, 24 May 2022 12:41 PM (IST)पोरसा(नईदुनिया न्यूज)। जिस निशुल्क खाद्यान्ना वितरण पर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। उस खाद्यान्ना वितरण प्रणाली को पीडीएस दुकानों के संचालक और जिम्मेदार ही पलीता लगा रहे है। केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने एक बार फिर से निश्शुल्क खाद्यान्ना वितरण को आगे बढ़ा दिया है, जिसमें गरीबों को दोगुना खाद्यान्ना मिलना चाहिए, लेकिन यहां कई पंचायतों में यह पीडीएस दुकानों से गरीबों को महज आधा ही खाद्यान्ना उपलब्ध कराया जा रहा है। खासबात यह है कि इस बात की जिम्मेदार अधिकारी ही जांच नहीं करते। जिसके चलते गरीबों के आधे खाद्यान्ना पर पीडीएस दुकान संचालक ही बंटरबांट कर डालते हैं। पोरसा की गई पंचायतें ऐसी है जहां गरीबों को यह आधा खाद्यान्ना मुहैया कराया गया है। जबकि सरकार की ओर से पूरा खाद्यान्ना इन दुकानों तक भेजा गया है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण काल में गरीबों को पेट भरने के लिए किसी तरह की परेशानी न हो। इसके लिए निश्शुल्क खाद्यान्ना वितरण योजना शुरू की गई। जिसमें केंद्र सरकार की ओर से और राज्य सरकार की ओर से अलग अलग खाद्यान्ना हितग्राहियों के लिए भेजा जाता है। यानी कि जिन हितग्राहियों को चार किलो गेहूं व एक किलो चावल दिया जाता था। उन्हें कायदे से 8 किलो गेहूं और दो किलो चावल प्रति व्यक्ति के मान से खाद्यान्ना दिया जाना चाहिए। लेकिन यहां महज चार किलो गेहूं और एक किलो चावल के मान से ही वितरित किया जा रहा है। इसका सीधा मतलब है कि आधा खाद्यान्ना बंदरबांट किया जा रहा है। इसका उदारण पोरसा की रजौधा पंचायत, सेंथरा अहीर, गुढा गांव सहित अन्य है। यह वे नाम है जहां के लोगों ने यह स्वीकार किया कि उन्हें आधा ही खाद्यान्ना पीडीएस दुकान से वितरित किया गया। अगर इस मामले की जिम्मेदार अन्य पंचायतों में जाकर जांच करेंगे तो यह बेहद बड़ा खाद्यान्ना घोटाला सामने आएगा। जो कि करोड़ों रुपये में सामने आएगा। जबकि सरकार की मंशा है कि डबल खाद्यान्ना मिलने से इन गरीबा परिवारों को रोजी रोटी के लिए जद्दोजहद नहीं करनी पड़े। लेकिन यहां निचले स्तर पर आकर योजना को पलीता लगा दिया जाता है। यहां खाद्यान्ना वितरण न किए जाने की ही शिकायतों क अंबार लगे रहते है। इसके बावजूद इस ढर्रे में कोई बदलाव नहीं आया है। इसकी वजह है कि ऐसी शिकायतों के मामले में कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिलती।
हितग्राहियों को कम खाद्यान्ना बताकर टरका देते हैं:
यहां आधा खाद्यान्ना दिए जाने का कारण कोई हितग्राही पूछता है तो पीडीएस दुकान संचालक कम खाद्यान्ना आने की बात कहकर टकरा देते हैं। रजौधा पंचायत के धारा सिंह ने बताया कि उसे कम खाद्यान्ना दिया गया, जब उसने पूछता तो सोसायटी के लोगों ने बताया कि ऊपर से ही खाद्यान्ना कम आया है। इसी तरह हितग्राही मधु ने बताया कि उसे भी आधा ही राशन दिया गया है। यहां सोसायटी से इतना ही मिलता है। वहीं गुढा रायपुर के गांव के रहने वाले ऊदल सिंह ने बताया कि उन्हें भी महज एक ही बार का राशन दिया जा रहा है। यह सोसायटी से इतना ही मुहैया कराया जा रहा है।
पूर्व में कई बार हो चुकी शिकायतें, निराकरण नहीं:
खाद्यान्ना अधूरा दिए जाने को लेकर ग्रामीण कई बार शिकायतें पूर्व में कर चुके है। लेकिन इस शिकायतों का कभी कोई निराकरण नहीं हो पाता। राशन बंटने के लिए जरूर डबल आता है लेकिन वितरण महज एक ही किया जाता है। इस तरह ठीक आधे राशन का बंटरबांट कर लिया जाता है। अगर इन मामलों की ठीक से जांच कराई तो यह यह बेहद गंभीर और बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है। सरकार भले पूरा राशन भेज रही है कि लेकिन इन गरीबो के हिस्से में आधा ही पहुंच पा रहा है।
क्या कहते है हितग्राहीः
-हमारे घर में सात सदस्य है लेकिन सोसायटी से हमें 35 किलो ही राशन दिया गया है। जिसमें चार किलो गेहूं और एक किलो प्रति व्यक्ति के मान से ही यहां राशन दिया गया है।
बालकिशन, सेंथरा अहीर।
-सोयायटी से पांच के मान से ही राशन दिया जा रहा है। हमें अभी तक डबल राशन नही मिला है। कभी कभी तो इससे भी कम कर देते हैं। छह किलो चावल और 24 किलो गेहूं हमें दिया जाता है।
उदल सिंह, गुढ़ा रायपुर।
कथन
-हमारे यहां से सोसायटियों को डबल राशन ही दिया गया है। पूरा राशन पहुंचाया गया है। अगर यह राशन कम दिया जाता है कि तो हम कल से ही इनकी जांच करते है। इसकी शुरूआत सेंथरा अहीर से ही करते हैं।
उमेश शर्मा, फूड इंस्पेक्टर पोरसा।
Posted By: Nai Dunia News Network