Madhya Pradesh Weather: समय से पहले गर्म हुए मौसम से सरसों में चमक, लेकिन गेहूं कमजोर
Updated: | Sun, 07 Mar 2021 08:42 PM (IST)Madhya Pradesh Weather: मनीष शर्मा, मुरैना। समय से पहले गर्मी के तीखे तेवरों से आमजन परेशान है, लेकिन सरसों उत्पादक किसानों के चेहरों पर सुकून है, क्योंकि इस बेमौसम की तेज गर्मी ने सरसों की फसल को माहू कीट के प्रकोप से बचा लिया है। ऐेसे में सरसों के दानों में चमक व वजन बढ़ेगा। दूसरी ओर गेहूं की फसल को लगातार बढ़ रहा तापमान नुकसान पहुंचा रहा है।
सरसों के पीले फूल जैसे ही शबाब पर आते हैं, तो काले रंग के माहू कीट का प्रकोप बढ़ जाता है। फसल पकती है और कटना शुरू होती है तो माहू कीट खेतों को छोड़कर बस्ती, सड़क पर ऐसा कहर ढाते हैं कि बिना चश्मे के लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है, पर इस बार ऐसा कुछ नहीं है। सरसों की फसल पककर तैयार है और अधिकांश जगह फसल की कटाई शुरू हो गई है और कहीं भी माहू कीट नजर नहीं आ रहा।
इसलिए सरसों के लिए फायदेमंद है माहू का न लगना
इस बार अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है, जबकि इस सीजन में औसत तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रहता है। फरवरी के दूसरे पखवाड़े में तो बादल छाए रहते हैं और सर्दी का असर ज्यादा रहता है। इसी मौसम में माहू कीट सरसों के खेतों में तेजी से बढ़ते हैं। माहू कीट सरसों के पौधों के पतले तने और फूलों का रस चूसते हैं। इस कारण सरसों के दानों की चमक व वजन पर असर पड़ता है। इस बार सरसों के फूलों में भरपूर रस रहा है। इसकी वजह से सरसों के दाने का वजन, चमक से लेकर तेल की मात्रा पर भी अच्छा असर पड़ेगा।
गेहूं की फसल का खर्चा बढ़ाया, पैदावार पर खतरा
गेहूं उगाने वाले किसानों को यह गर्मी रुला रही है। एक बीघा पर सिंचाई का खर्च 550 रुपये तक बढ़ गया है। फसल समय से पहले पकने लगी है। कृषि विज्ञानियों का दावा है कि जो गेहूं की फसल देरी से बोई गई है वह जल्दी पक जाएगी। दाना हल्का रहेगा और 15 फीसद तक उत्पादन कम हो जाएगा।
इनका कहना
-इस बार सरसों में माहू कीट नहीं लगा। यह बहुत अच्छा है। गेहूं की फसल को तेज गर्मी से नुकसान होगा।
डॉ. संदीप तोमर, कृषि विज्ञानी, आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र मुरैना
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay