उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि), Ujjain Karcha Rail Route। उज्जैन-कड़छा के बीच 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों के संचालन की अनुमति मिल गई है। मंगलवार को कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) आरके शर्मा ने सुबह 9 बजे से लेकर रात 8 बजे तक 11 घंटे कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान बिजली संबंधी कुछ काम अधूरे मिल, जिसे जल्द पूरा करने को कहा गया। काम पूरे होने पर मार्ग पर ट्रेनों की स्पीड को 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाया जाएगा। सीआरएस ने उज्जैन सी केबिन से कड़छा तक स्पेशल ट्रेन को 122 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से भी चलाकर देखा।
देवास-इंदौर रेल मार्ग के दोहरीकरण के पहले चरण का काम उज्जैन से कड़छा तक पूरा हो गया है। कुल 81 किलोमीटर का रेल मार्ग 450 करोड़ रुपये की लागत से दोहरीकरण किया जाना है। इसमें से पहले चरण में 14 किलोमीटर का काम हो चुका है। मंगलवार को कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) आरके शर्मा मुंबई से कार्य का निरीक्षण करने उज्जैन आए। सुबह करीब 9 बजे वह सड़क मार्ग से अन्य अधिकारियों के साथ कड़छा पहुंच गए थे। देर शाम 8 बजे तक सीआरएस ने कड़छा से लेकर उज्जैन सी केबिन तक सभी बिंदुओं पर निरीक्षण किया। इसमें रेलवे फाटक, पुल, पुलिया, पॉइंट, क्रासिंग को विशेष तौर पर देखा तथा पटरियों की भी जांच की।
सी केबिन से कड़छा तक चली सीआरएस स्पेशल
शाम करीब 7 बजे सीआरएस व डीआरएम विनित गुप्ता सहित अन्य अधिकारी सी केबिन पहुंचे। यहां से सीआरएस स्पेशल ट्रेन को इस मार्ग पर 122 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेन चलाकर देखा गया। इसके बाद वापस उज्जैन आए। निरीक्षण के बाद इस ट्रैक पर ट्रेनों के संचालन की हरी झंडी मिल गई। कड़छा व विक्रम नगर रेलवे स्टेशन पर पौधारोपण भी किया। सीआरएस आरके शर्मा, डीआरएम विनित गुप्ता सहित अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान कड़छा व विक्रम नगर रेलवे स्टेशन परिसर में पौधारोपण भी किया।
यह होगी सुविधा
उज्जैन से इंदौर के बीच केवल एक ही ट्रैक होने के कारण इस मार्ग पर ट्रेनों के संचालन में दिक्कत होती थी। कई बार ट्रैक पर मालगाड़ी अथवा यात्री ट्रेन होने के कारण दूसरी ट्रेनों को देवास या फिर इंदौर में ही रोक दिया जाता था। दोहरीकरण होने के बाद अब इस ट्रैक पर ट्रेनों या फिर मालगाड़ी को रोकना नहीं पड़ेगा।