Vaikuntha Chaturdashi 2020: उज्जैन में होगा हरि-हर मिलन, गोपालजी को सृष्टि का भार सौपेंगे महाकाल
Updated: | Sat, 28 Nov 2020 08:00 AM (IST)Vaikuntha Chaturdashi 2020 : उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी यानी वैकुंठ चतुर्दशी पर शनिवार को हरि-हर मिलन होगा। रात्रि 11 बजे राजाधिराज भगवान महाकाल 'हर' चांदी की पालकी में सवार होकेर भगवान विष्णु 'हरि' से मिलने गोपाल मंदिर जाएंगे। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण प्रशासन ने आयोजन सादगी से करवाने का निर्णय लिया है। सवारी में केवल पुजारी, पालकी उठाने वाले कहार और ड्यूटी पर तैनात अधिकारी-कर्मचारी ही शामिल होंगे। किसी भी तरह की भीड़ एकत्रित नहीं होने दी जाएगी। आतिशबाजी, हिंगोट चलाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। हर वर्ष वैकुंठ चतुर्दशी पर राजाधिराज गोपाल मंदिर जाते हैं। यहां दोनों देवों का मिलन होता है। भगवान महाकाल की ओर से गोपाल जी को बिल्व पत्र की माला अर्पित की जाती है, वहीं गोपाल जी की ओर से महाकाल को तुलसी की माला पहनाई जाती है।
हरि-हर मिलन का दृश्य देखने के लिए महाकाल से गोपाल मंदिर तक हजारों भक्त उमड़ते हैं। इस दौरान आतिशबाजी होती है। यह परंपरा 100 सालों से भी अधिक समय से चली आ रही है। हालांकि इस बार कोरोना के कारण भीड़ नियंत्रण की दृष्टि से कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
परिवर्तन कर सकता है प्रशासन
हरि-हर मिलन के आयोजन में प्रशासन समय आदि में परिवर्तन कर सकता है। हालांकि शुक्रवार शाम तक निर्धारित कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं किया गया था। रात 11 बजे महाकाल मंदिर से सवारी निकलेगी, जो सीधे गोपाल मंदिर जाएगी। यहां पुजारी पूजन कर परंपरा निभाएंगे। इसके बाद सवारी फिर से महाकाल मंदिर के लिए रवाना होगी।
बीते वर्ष कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ था आयोजन
बता दें कि साल 2019 में भी हरि-हर मिलन का आयोजन सादगी से ही किया गया था। दरअसल, अयोध्या मसले पर 9 नवंबर को फैसला आया था। इस कारण शहर में धारा 144 लगाई गई थी। उस समय भी कड़े सुरक्षा इंतजामों और चुनिंदा लोगों को अनुमति देकर 11 नवंबर वैकुंठ चतुर्दशी पर हरि-हर मिलन परंपरा निभाई गई थी।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay