राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का उज्जैन आगमन, मोगरे के फूलों से सजेगा महाकाल मंदिर का गर्भगृह
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के आगमन को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में
Updated: | Fri, 27 May 2022 07:30 PM (IST)उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे। राष्ट्रपति के आगमन पर गर्भगृह को मोगरे के फूलों की लड़ियों से सजाया जाएगा। नंदी मंडपम व प्रवेश द्वार पर भी आकर्षक सज्जा की जा रही है। जिस मार्ग से राष्ट्रपति मंदिर में प्रवेश करेंगे, उस मार्ग से परिसर तक रेड व ग्रीन कारपेट बिछाया जा रहा है।
प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि राष्ट्रपति जिस समय गर्भगृह व नंदी मंडपम में रहेंगे, उस समय भी आम दर्शनार्थियों को कार्तिकेय मंडपम से निर्बाध दर्शन कराए जाने पर विचार किया जा रहा है। दर्शन व्यवस्था पर अंतिम निर्णय शनिवार को राष्ट्रपति भवन से आने वाले अंतिम कार्यक्रम के बाद लिया जाएगा। राष्ट्रपति की दर्शन व्यवस्था में चुनिंदा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। मंदिर समिति ने पूजन कराने वाले पुजारी, पुरोहित तथा कर्मचारियों का आरटीपीसीआर टेस्ट करा लिया है।
मंदिर में बनेगा ग्रीन रूम
राष्ट्रपति व उनके परिवार के सदस्यों के लिए मंदिर में एक ग्रीन रूम तैयार किया जा रहा है। राष्ट्रपति के आगमन से पहले कक्ष को सैनिटाइज किया जाएगा। संपूर्ण व्यवस्था राष्ट्रपति भवन के कर्मचारियों के हाथों में रहेगी, अन्य कोई भी व्यक्ति इसमें प्रवेश नहीं कर सकेगा। इस कक्ष में अतिविशिष्ट मेहमान के सदस्यों के बैठने, हाथ धोने तथा सुखाने के भी समुचित इंतजाम रहेंगे।
पूजन कराने वाले पुजारी लगाएंगे एन 95 मास्क
राष्ट्रपति द्वारा पूजन कराने वाले पुजारी को एन 95 मास्क लगाना अनिवार्य रहेगा। नंदी मंडपम में राष्ट्रपति व परिवार के सदस्यों के लिए बैठने के लिए भी विशेष व्यवस्था की जाएगी।
इस पर निर्णय होना शेष
-राष्ट्रपति गर्भगृह में पूजन करते समय कौन से वस्त्र पहनेंगे, फिलहाल इसे लेकर किसी प्रकार का निर्णय नहीं हुआ है।
-मंदिर समिति की ओर से राष्ट्रपति को प्रतीक चिह्न भेंट किया जाएगा या नहीं, इस पर भी शनिवार को निर्णय होगा।
अब तक यह तैयारी...
-मंदिर समिति ने कोटितीर्थ कुंड की सफाई करा दी है। कुंड के आसपास रंगरोगन तथा साज-सजावट की गई है।
-गर्भगृह में रजत मंडित दीवार, रुद्रयंत्र तथा चांदी के द्वार की सफाई व पालिश का काम भी पूरा हो गया है।
-निर्गम द्वार के समीप स्थित म्यूजियम को भी आकर्षक रूप प्रदान किया गया है।
-परिसर स्थित मंदिरों के शिखर पर भी रंग-रोगन किया गया है।