Balaghat Crime News: किसी समाज या राष्ट्र के विकास में वहां की युवा शक्ति मायने रखती है, लेकिन बालाघाट जिले में बीते कुछ समय में ऐसा चलन देखने मिल रहा है, जो बालाघाट की फिजा और भविष्य के लिए चिंताजनक व गंभीर है। जिले के पढ़े-लिखे और अच्छे परिवार से ताल्लुख रखने वाले युवा, अपराध के जाल में फंसते जा रहे हैं। इसके पीछे सिर्फ अपने शौक पूरा करना मात्र है। इस साल जनवरी महीने में कोतवाली पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय मोटरसाइकिल चोर गिरोह को पकड़ा था, जिसके सभी नौ आरोपित 20 से 25 साल की उम्र के हैं। ये सिर्फ एक मामला नहीं, जिसके सभी आरोपित युवा वर्ग के हैं, बल्कि रामपायली, खैरलांजी क्षेत्र में हुई लूट की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपितों में अधिकतर वो युवा हैं, जो संपन्ना परिवार के हैं और एमबीए, मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। जिले के युवाओं के अपराध की तरफ बढ़ते कदम निश्चित ही समाज के लिए नकारात्मक और चिंताजनक माहौल को जन्म दे रहा है। युवाओं की इस गलत सोच व रीति-नीति को लेकर पुलिस भी समय-समय पर चिंता जाहिर करती है।
शराब, महंगी गाड़ियों के शौक ने बना दिया अपराधी
पुलिस के मुताबिक, बड़े स्तर पर चोरी की वारदात को अंजाम देने के पीछे युवा आरोपितों का मकसद सिर्फ अपने बुरे शौक पूरे करना पाया गया है। कोतवाली थाना प्रभारी कमल सिंह गहलोत ने बताया कि महीनेभर पहले हुए खुलासे में आरोपितों ने कबूला था कि वह सिर्फ शराब के लिए, केटीएम, पल्सर, बुलट जैसी बाइक चलाने, महिला मित्रों व दोस्तों के साथ घूमने-फिरने के लिए पैसों के खातिर दोस्तों के साथ मिलकर बालाघाट सहित जिलेभर में और पड़ोसी राज्यों के शहरों में लोगों की मोटरसाइकिल चुराते थे। एक गिरोह के मास्टरमाइंड ग्राम गोंगलई निवासी राजू टेंभरे और उसके साथी इन्हीं शौक को पूरा करने बड़े स्तर पर वारदात को अंजाम दे रहे थे।
एक-दूसरे को जोड़कर बना रहे गिरोह
पुलिस के मुताबिक, युवा आरोपित अकेले या एक-दो लोगों के साथ चोरी या लूट की घटना को अंजाम नहीं दे रहे हैं। बल्कि अपने गांव या तहसील क्षेत्र के उन हमउम्र लोगों को भी आपस में जोड़ रहे हैं, जो अय्याशी पसंद हैं और महंगे शौक रखते हैं। इनमें किसी ने अपना ग्रेजुएशन पूरा कर चुका है तो कोई पत्राचार से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहा है। बालाघाट में अपने परिवार के साथ रहकर पढ़ाई को छोड़कर गैंग बनाकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं
पहली बार में ही बड़ी वारदात करना चिंतनीय
गहलोत ने बताया कि हाल ही में कुछ मामलों में गिरफ्तार आरोपितों का युवा वर्ग से होना बेहद चिंतनीय है। माता-पिता कई उम्मीदों के साथ उन्हें पढ़ाई-लिखाई करा रहे हैं, लेकिन उनमें आपराधिक प्रवृत्ति का विकसित होकर बड़े अपराध को कारित करना समाज को गलत संदेश दे रहा है। गौर करने वाली बात है कि अधिकतर मामलों में पकड़े जाने वाले युवा आरोपितों का पुराना रिकार्ड नहीं है यानी उन्होंने पहली बार अपराध किया है, लेकिन एक से दो साल से बड़ी ही चालाकी से मोटरसाइकिलें चुरा रहे थे। जबकि आदतन अपराधी छोटी चोरियां करता है। नए अपराधियों खासकर युवाओं का पहली बार में ही गैंग बनाकर बड़ी घटनाओं को अंजाम देना विचार करने लायक है।
परवरिश, लत और रुपयों की लालसा बड़ी वजह
जिला अस्पताल में पदस्थ मनोचिकित्सक डॉ. प्रशांत जैन ने बताया कि ये विषय काफी गंभीर है। इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं। मेरा मानना है कि इसके लिए परिवार में बच्चे की परवरिश भी अहम है।बच्चे को पूरी तरह खुली छूट देना गलत है। यही छूट उनमें डर खत्म कर देती है और अपेक्षाएं बढ़ती हैं। इसके अलावा हमारे समाज ने शराब-सिगरेट जैसे व्यसनों को स्वीकार कर लिया है। इसलिए युवा का इसकी तरफ आकर्षण हमेशा रहता है। जब उनमें इसकी लत लग जाती है तो इसे पूरा करने के लिए वह चोरी भी कर सकते हैं, घर का सामान भी बेच सकते हैं या हत्या जैसा अपराध भी कर सकते हैं।
बच्चों को समय दें, उन पर निगरानी रखें
डॉ. जैन ने बताया कि पालकों को ये समझना होगा कि एक उम्र के बाद बच्चे बाहर की चकाचौंध की तरफ आकर्षित जरूर होते हैं। जब माता-पिता अपने बच्चे को समय नहीं देते या बच्चे की गतिविधियों पर गौर नहीं करते तो बच्चा खुद को स्वतंत्र समझकर अपराध की तरफ झुकता है। पालक, अपने बच्चे के लिए समय निकालें, उनकी गतिविधियों पर नजर रखें, उनसे बात करें और उनकी समस्याएं पूछें। उन्हें इस बात के लिए प्रेरित करें कि सफलता मिलने में अगर हार मिले तो निराश होकर गलत राह पकड़ने के बजाए सफलता के लिए दोबारा कोशिश करें।
Posted By: Nai Dunia News Network
- # balagaht news
- # balagaht crime
- # naidunia
- # mp news
- # mp crime news
- # topnews