
नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट। बालाघाट के हट्टा थाना क्षेत्र में ग्राम सालेटेका निवासी खिलाड़ी बिसेन के साथ शनिवार सुबह डिजिटल अरेस्ट की घटना हुई। ठगों ने मुंबई पुलिस का डर दिखाकर 20 मिनट तक कमरे में डिजिटल अरेस्ट रखा। न किसी से मिलने की अनुमति दी और न कमरा छोड़ने की।
कृषि विभाग से सेवानिवृत्त बिसेन वे भांप चुके थे कि ये फ्राड है, लेकिन ठगों के मंसूबे जानने के लिए वह उनकी हर बात मानते रहे। बाद में हट्टा पुलिस और साइबर नोडल शाखा को सूचना दी। बालाघाट में डिजिटल अरेस्ट से जुड़ा ये तीसरा मामला है। दो अन्य मामलों में भी ठगी नहीं हुई।
थाने का सीन, पीछे लगा था मुंबई पुलिस का बोर्ड
शनिवार सुबह 9.30 बजे बिसेन को अनजान नंबर से महिला का फोन आया। महिला ने बताया कि सितंबर माह में उनके नाम से एक मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड हुआ है, जिससे फर्जी निवेश के काम हो रहे हैं। उनके नाम से मुंबई के थाने में 20 एफआईआर दर्ज हैं। ये सुनते ही खिलाड़ी बिसेन कुछ देर के लिए सन्न रह गए।
महिला ने कहा कि आप मुंबई आइए या ऑनलाइन बयान दर्ज कराइए। बिसेन ने मुंबई आने में असमर्थता जताई। महिला ने कॉल ट्रांसफर किया और डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड ऑफ इंडिया के किसी आरके चौधरी से बात कराई।
थाने से कॉल
ऑनलाइन बयान दर्ज करने के लिए उन्हें वीडियो कॉल आया जिसमें तीन लोग तथाकथित किसी थाने में बैठे थे। दीवार पर मुंबई पुलिस का लोगो लगा बोर्ड था। एक ठग पुलिस की वर्दी में था तो दो लोग सिविल ड्रेस में थे। उन्होंने एक कमरे में जाने कहा। इसके साथ ही हिदायत दी कि अगर कमरे में कोई आया तो दोबारा बयान देना होगा। 20 मिनट पूछताछ के बाद बिसेन ने कॉल काट दिया।