Barwani News: युवराज गुप्ता, बड़वानी। सतपुड़ा की सुरम्य वादियों के बीच निमाड़ का पेरिस कहलाने वाला रियासतकालीन मैं बड़वानी जिला अब युवा हो चुका है। इस बार जिला बनने की अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा हूं। प्रदेश की जीवनदायिनी मां नर्मदा नदी के किनारे बसने का सौभाग्य मिला तो सतपुड़ा की प्राकृतिक हरियाली का साथ। 25 मई 1998 को जिले के रूप में स्थापित होने के बाद मेरी विकास यात्रा निरंतर जारी है। शनै-शनै कई सुविधाएं मिली है तो कई सुविधाओं की अब भी दरकार है।

शहर और यहां से कुछ नगरों तक पहुंचने की सड़कें तो बेहतर हुई वहीं मेरा दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र पाटी अब भी विकास की बाट जाेह रहा है। यहां अब भी सड़क, बिजली, पानी की समस्याएं बरकरार है। कुछ पेड़ खत्म हुए तो ऊंची अट्टालिकाएं बन गई। जिले को स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में कुछ सौगातें मिली तो कृषि व मेडिकल कालेज की राह अब भी देख रहा हूं।

जिले में चार पहिया वाहनों की गूंज तो बहुत सुन ली लेकिन रेलगाड़ी की छुक छुक सुनने को मेरे कान तरस गए हैं। मेरे क्षेत्रवासियों का रेल का सपना आज भी सपना ही है। इसे हकीकत में बदलने की राह देख रहा हूं। 25 साल का हुआ बड़वानी शहर यदि बोल सकता तो शायद यही उसकी बात होती है। निरंतर विकास की दौड़ में आगे बढ़ने वाले देश की 100 आकांक्षी जिलों में शामिल बड़वानी जिला अब भी कई सुविधाओं को लेकर पिछड़ा हुआ है।

नर्मदा किनारे बसे इस रमणीय जिले में अब तक रेलवे लाइन भी नहीं आई है। मेडिकल व कृषि कालेज की आवश्यकता है। उधर, बीते वर्षों में कुछ थोड़े से विकास हुए तो कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। वहीं जिला प्रशासन बड़वानी गौरव महोत्सव मना रहा है।

रेलवे और उद्योग पहली प्राथमिकता शहर के सामाजिक कार्यकर्ता डा. ओपी खंडेलवाल के अनुसार जिले में सबसे महती जरुरत यहां पर उद्योग एवं रेलवे लाइन है। यदि रेलवे लाइन व उद्योग मिले तो यहां के विकास की गति और तेज होगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 260 किमी लंबे खंडवा-धार वाया खरगोन बड़वानी रेलवे लाइन के प्रोजेक्ट को लेकर दो बार सर्वे हो चुका है। यह प्रोजेक्ट गति पकड़े तो रेलवे लाइन का भी मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।

पर्यटन की अपार संभावनाएं

जिले के वरिष्ठ इतिहासविद एवं पूर्व कुलपति डा शिवनारायण यादव के अनुसार बड़वानी में जलयान पर्यटन की अपार संभावनाएं है। इसके अलावा प्राकृतिक सुंदरता के बीच बसे ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण और संवर्धन होना चाहिए।

नर्मदा तट का हो विकास

नर्मदाभक्त समाजसेवी पंडित सचिन शुक्ला, संजय पुरोहित एवं मनीष पुरोहित के अनुसार क्षेत्र की जीवनदायिनी मां नर्मदा के तट का पर्यटन की दिशा में विकास होना चाहिए। राजघाट के प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक धरोहरों का सुरक्षित विस्थापन होना चाहिए। समाजसेवी अजीत जैन के अनुसार क्षेत्र में पर्यटन, रेलवे लाइन और उद्योगों को लेकर विशेष प्रयास होना चाहिए।

ये हैं ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल

प्रमुख स्थलों में तीर्थक्षेत्र बावनगजा, रामगढ़, ग्राम वझर की प्राचीन प्रतिमाएं, सेंधवा का किला, परमारकालीन शिव मंदिर, नागलवाड़ी शिखरधाम, नर्मदा तट रोहिणी तीर्थ राजघाट, आशाग्राम स्थित शिवकुंज, मठ स्कूल का भवन, बापू का समाधि स्थल आदि प्रमुख स्थल हैं। जिन पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है।

इन प्रोजेक्ट पर जल्दी हो कार्य तो मिले विकास को गति

नर्मदा नदी में बड़वानी के राजघाट से गुजरात के सरदार सरोवर बांध तक क्रूज की सवारी का प्रोजेक्ट। दो महती रेलवे लाइन का प्रोजेक्ट। शिखरधाम नागलवाड़ी का प्रमुख मार्ग निर्माण। कृषि आधारित उद्योग। कृषि व मेडिकल कालेज। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में भी सुगम सड़क सुविधा और पर्यटन विकास।

क्षेत्र में ये भी है चुनौतियां

सिकलसेल उन्मूलन को लेकर निरंतर जनजागरुकता से जुड़े कार्य। पाटी व दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में दूरसंचार की सुगम सेवाओं की आवश्यकता। पहाड़ी क्षेत्रों में बेहतर सड़क मार्ग।पाटी विकासखंड के दुर्गम गांवों में पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता।

करेंगे क्षेत्र का विकास

बड़वानी जिले का 25वां गौरव महोत्सव मनाया जा रहा है। क्षेत्र के विकास को लेकर निरंतर कार्य जारी है। यहां का समुचित विकास करेंगे। - प्रेमसिंह पटेल, कैबिनेट मंत्री मप्र शासन

विविध प्रोजेक्ट पर विकास जारी

लोकसभा क्षेत्र के बड़वानी जिले में विविध प्रोजेक्ट पर कार्य और सतत विकास जारी है। जो प्रोजेक्ट अधूरे हैं वे भी पूरे करेंगे। रेलवे लाइन को लेकर भी प्रक्रियाएं जारी हैं। -गजेंद्रसिंह पटेल, सांसद

Posted By: Prashant Pandey

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