Betul Borewell Update: बैतूल, नवदुनिया प्रतिनिधि। मांडवी गांव में पुराने बोरवेल में मंगलवार शाम को गिरा आठ साल का तन्मय जिंदगी की जंग हार गया। करीब 84 घंटे तक चले बचाव अभियान में जुटी टीम ने 10 फीट लंबी सुरंग की खोदाई रात करीब 2 बजे पूरी की और इसके बाद तन्मय के शरीर को बोरवेल से बाहर निकालने का कार्य प्रारंभ किया गया। सुबह 5.30 बजे उसकी बाडी को बाहर निकाला गया और कपड़े में लपेटकर एंबुलेंस से पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल रवाना किया गया। कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने बताया कि रेस्क्यू का काम पूरा कर लिया गया है। बाडी एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचाई जा रही है।
#WATCH | Madhya Pradesh | 8-year-old Tanmay Sahu who fell into a 55-ft deep borewell on December 6 in Mandavi village of Betul district, has been rescued. According to Betul district administration, the child has died pic.twitter.com/WtLnfq3apc
— ANI (@ANI) December 10, 2022
मुख्यमंत्री शिवराज ने जताया शोक
मांडवी गांव में बोरवेल में गिरे तन्मय की मौत पर मुख्यमंत्री ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रशासन के अथक प्रयासो के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। दुःख की इस घड़ी में तन्मय का परिवार स्वयं को अकेला न समझे, मैं और संपूर्ण मध्यप्रदेश परिवार के साथ है। राज्य सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
मंगलवार शाम को बोरवेल में गिरा था
मांडवी गांव के सुनील साहू का आठ साल का बेटा तन्मय मंगलवार शाम करीब पांच बजे खेलने ले दौरान नानक चौहान के खेत में पुराने खुले पड़े बोरवेल में गिर गया था। सूचना मिलने के बाद प्रशासन मौके पर पहुंचा और बचाव का कार्य प्रारंभ किया गया। पोकलेन और बुलडोजरों की मदद से बोरवेल के पास 46 फीट गहराई तक खोदाई का काम किया गया। चट्टानों और पानी के रिसाव से बचाव दल को चार दिन का वक्त लग गया। इसी के चलते तन्मत को नही बचाया जा सका।तन्मय को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ के 61 जवान और अफसर चार दिन से मोर्चे पर डटे रहे। बोरवेल के पास पोकलेन और बुलडोजर की मदद से मंगलवार शाम करीब 8 बजे से बचाव का अभियान शुरू हो गया था। खोदाई का काम गुरुवार शाम को पूरा किया गया और फिर 10 फीट लंबी सुरंग बनाने का काम शुरू किया गया था। सुरंग बनाने के दौरान मिट्टी धंसकने के कारण मशीनों का उपयोग बंद कर हाथों से खोदाई कर मलबा निकाला गया।
जिला अस्पताल में किया जा रहा पोस्टमार्टम
तन्मय के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाया गया। डाक्टरों की टीम सिविल सर्जन अशोक बारंगा की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कर रही है। तन्मय के माता–पिता ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई है कि बोरवेल से बाहर निकालने पर उन्हें बेटे का चेहरा तक नहीं दिखाया गया।
शुक्रवार को पहुंचे थे प्रभारी मंत्री
इससे पहले शुक्रवार को मांडवी पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी माना कि बच्चे को निकालने में देरी हुई है। बचाव कार्य परिणाम मूलक नहीं रहा है। इसके लिए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बचाव कार्य में समाने आई कमियों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी अवगत करा दिया गया है। उन्होंने तन्मय के परिवार से मुलाकात भी की। इस दौरान मीडिया से चर्चा में प्रभारी मंत्री परमार ने स्वीकार किया कि बचाव के कार्य में परिस्थितियों के कारण देरी हो रही है। कल तक उम्मीद थी कि बोरवेल में फंसे तन्मय को बाहर निकाल लेंगे लेकिन पत्थरों के कारण बचाव कार्य धीमी गति से चल रहा है। बचाव कार्य की योजना में प्रशासनिक कमी के संबंध में परमार ने कहा कि तकनीकी रूप से दक्ष टीम के द्वारा जो भी बताया जा रहा है, प्रशासन भी उसके अनुसार ही कार्य कर रहा है।
बचाव कार्य में जो कमी देखी गई है उसके संबंध में मैंने मुख्यमंत्री को जानकारी दे दी है। एक सवाल के जवाब में प्रभारी मंत्री ने कहा किबोरवेल खुला न छोड़ने के लिए किसानों की पहली जिम्मेदार है। इसके बाद निरीक्षण करने का काम प्रशासन का है। यदि कहीं कमी हुई है और निचले अमले की लापरवाही हुई है, इस पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। प्रभारी मंत्री परमार ने तन्मय के स्वजन से भी भेंट की।
तीन फीट दूरी पर मुश्किल में फंसा बचाव दल
एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ की टीम द्वारा बोरवेल के समानांतर 46 फीट का गड्डा कर शुक्रवार शाम तक करीब नौ फीट लंबी सुरंग बनाई जा चुकी थी। तन्मय तक पहुंचने के लिए मात्र तीन फीट सुरंग बनाई जानी बाकी रह गई थी, लेकिन इस दौरान मिट्टी धंसने के कारण मशीनों का उपयोग बंद कर हाथों से खोदाई कर मलबा निकालना प्रारंभ किया गया। शुक्रवार को दोपहर में कलेक्टर अमनबीर ®सह बैंस भी उस स्थान पर उतरे जहां से सुरंग बनाई जा रही थी। कलेक्टर ने बताया किलगभग तीन फीट सुरंग की खोदाई शेष रह गई थी। मलबा बाहर निकालने के लिए कुछ देर के लिए काम रोका गया। उन्होंने बताया कि तन्मय के शरीर में कोई हरकत नजर नहीं आ रही है।
होमगार्ड कमांडेंट एसआर आजमी के मुताबिक सुरंग बनाने के दौरान पानी का तेजी से रिसाव होता रहा। कुछ देर खोदाई करने के बाद मोटर पंप की मदद से पानी बाहर निकालने की कवायद करनी पड़ी। शुरुआत में सुरंग की खोदाई करने के लिए गांव के युवाओं की भी मदद ली गई थी। इसके बाद एनडीआरएफ की टीम सुरंग बनाने में जुटी रही। खोदाई करने के साथ लोहे की प्लेटों को नट–बोल्ट से कसकर बाक्स बनाते हुए टीम आगे बढ़ी ।
बैतूल के मांडवी गांव में बोरवेल में फंसे आठ वर्षीय बालक को बचाने के लिए सुरंग बनाने तकनीकी कर्मचारी 45 फीट गहरे गड्ढे में उतरे। #betulNews #BoyinBorewell #MPNews pic.twitter.com/pJShJtw22H
— NaiDunia (@Nai_Dunia) December 8, 2022
कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने बताया कि यह ध्यान रखा गया कि बोरवेल को कोई क्षति ना हो। तन्मय की स्थिति के बारे में कलेक्टर बैंस ने बताया कि कोई रिस्पांस नहीं मिल पा रहा है।
अपर कलेक्टर श्यामेंद्र जायसवाल ने बताया कि बोरवेल के पास 45 फीट की गहराई पर मजबूत चट्टान आ गई थी, उसे तोड़ने के लिए ब्रेकर मशीन की मदद ली गई, जिसमें काफी समय लगा। इसके अलावा बचाव दल के सामने जमीन के भीतर से पानी निकलने से बड़ी समस्या आ गई। इस पानी को दो मोटर पंप की मदद से बाहर निकालने का प्रयास किया गया। पानी निकालने के बाद खोदाई की जाती है और मलबा बाहर किया जाता। कुछ देर बाद फिर से पानी भर जाता।
मौके पर मौजूद एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ के तकनीकी विशेषज्ञों की सलाह पर गोल गड्ढा खोदा गया। इसमें उतरकर सुरंग बनाने का काम शुरू किया गया। अपर कलेक्टर जायसवाल ने बताया कि बोरवेल के भीतर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है, जिसमें मंगलवार शाम के बाद से तन्मय के शरीर में कोई हरकत नजर नहीं आई।
खेत मालिक पर दर्ज होगा मामला
आठनेर थाना प्रभारी अजय सोनी ने बताया कि बोरवेल को खुला छोड़ने के मामले में खेत के मालिक नानक चौहान के खिलाफ लापरवाही और मानव जीवन को खतरे में डालने का मामला दर्ज किया जाएगा।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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