बैतूल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। जिले में उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं के कारण ठंड ने जोर पकड़ लिया है। लगातार तापमान घटता जा रहा है जिससे लोगों को दिन के समय भी गर्म कपड़ों का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। शुक्रवार को सुबह तो खेतों में फसलों पर ओस की बूंदें बर्फ में तब्दील नजर आईं। हालत यह थी कि सुबह आठ बजे तक भी पौधों के पत्तों पर ओस की चादर बिछी हुई थी। धूप खिलने के बाद लोगों को कुछ राहत महसूस हुई। तीन दिन से पारा लगातार कम हो रहा है इससे अब सब्जी और दलहनी फसलों को खासा नुकसान पहुंचने की आशंका से किसान चिंतित हो रहे हैं। पिछले तीन दिन से जिला शीत लहर की चपेट में आ गया है। गुरुवार रात के समय तो हालत यह हो गई कि लोगों का घर से निकलना मुश्किल सा हो गया। घर के बाहर कदम रखते ही कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ा। लगातार पारे में आ रही गिरावट के कारण शाम ढलते ही सड़कों पर आवाजाही बेहद कम हो रही है। ठंड से बचने के लिए लोग सार्वजनिक स्थानों पर अलाव का सहारा लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
फसलों पर जम गईं ओस की बूंदें:
गुरुवार रात में पारा लुढ़ककर 4.2 डिग्री पर पहुंच गया। भू-अभिलेख कार्यालय में यह न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है। हालांकि जिले में सबसे ठंडा क्षेत्र कहलाने वाले बैतूलबाजार में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में न्यूनतम तापमान दो डिग्री दर्ज किया गया है। तापमान में आई गिरावट और कड़ाके की ठंड के कारण फसलों पर ओस की बूंदे जम गईं। बैतूलबाजार के किसान मधु पवार ने बताया कि शुक्रवार सुबह जब वे अपने खेत पहुंचे तो चना, पत्तागोभी, फूलगोभी, टमाटर, आलू के पौधों पर सफेद बर्फ की चादर बिछी हुई थी। गन्नो के सूखे पत्तों के साथ ही सड़क किनारे लगी घांस भी सफेद हो गई थी। पत्तों पर जमी हुई बर्फ की परत कड़क हो गई थी जिससे अब फसल को बेहद नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि रबी सीजन की जिन भी फसलों में अभी फूल आ रहे हैं वह बर्फ जम जाने से गल जाएंगे। इतना ही नहीं सब्जी की फसल में पौधों की पत्तियां तो झुलस जाएंगी और पौधा धीरे-धीरे सूखने लगेगा। आलू की खेती करने वाले किसान राजेश पटेल ने बताया कि तीन दिन से तापमान लगातार कम होता जा रहा है। इसकी वजह से फसल में झुलसा रोग का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। इस रोग के कारण पत्ते पूरी तरह से झुलस जाते हैं और पौधे की बढ़वार थम जाती है। इससे जड़ों में लगे आलू का विकास थम जाएगा और वे उसी अवस्था में रह जाएंगे।
फुटपाथ पर रहने वालों की बढ़ी मुश्किलः
नगर के सदर, गंज और अन्य क्षेत्रों में खुले आसमान के नीचे फूटपाथों पर झोपड़ियां बनाकर रहने वालों की ठंड ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। रात में कड़ाके की ठंड के कारण कई जगह फुटपाथ पर रहने वाले लोग अलाव जलाकर अपने आप को ठंड से बचाते नजर आए। जिला मुख्यालय पर रैन बसेरा में ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मजदूर झोपड़ियां बनाकर रहते हैं। इन्होंने भी रात भर आग जलाकर ठंड से बचने का प्रयास किया। उत्कृष्ट स्कूल के मैदान में रह रहे पारधी समुदाय के लोगों को भी ठंड के कारण बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जिले में आने वाले दो-तीन दिन ठंड तेज रहेगी। किसानों को अपनी फसलों को ठंड से बचाने के लिए धुआं करने के साथ ही हल्की सिंचाई करने की आवश्यकता है। इससे पाला पड़ने पर नुकसान बेहद कम होने की संभावना रहती है।
वीके वर्मा, कृषि विज्ञानी, कृषि विज्ञान केंद्र बैतूलबाजार
Posted By: Nai Dunia News Network