Road Safety Campaign Betul: बैतूल, नवदुनिया प्रतिनिधि। जिले में 350 किमी से अधिक लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्यस्तरीय मार्गों का राष्ट्र व्यापी सड़क सुरक्षा अभियान के तहत 'नवदुनिया टीम' द्वारा आडिट किया गया है। आडिट के दौरान बैतूल-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 47 और बैतूल भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग 69, बैतूल परासिया स्टेट हाइवे, बैतूल बोरदेही छिंदवाड़ा स्टेट हाइवे, बैतूल-इंदौर राष्ट्रीय राजमार्ग 59 ए और बैतूल से परतवाड़ा महाराष्ट्र स्टेट हाइवे पर 100 से अधिक ब्लैक स्पाट हैं जहां पर सुरक्षा के प्रबंध न किए जाने से हादसे हो रहे हैं। इन मार्गों पर 300 से अधिक स्थानों पर अवैध कट पाए गए हैं। यहां से वाहन एक लेन से दूसरी लेन पर आ जाते हैं और अक्सर हादसे होते रहते हैं।
बाटलनेकः बैतूल-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 47 पर पंखा के समीप सड़क की चौड़ाई बेहद कम है। दोनों ओर संपर्क मार्ग बनाए गए हैं और इनमें फेंसिंग कर दी गई है। इससे अक्सर हाइवे से गुजरने वाले वाहन के चालक को दूसरी ओर से आ रहे वाहन नजर नहीं आते हैं और दुर्घटना हो जाती है। यहां पर अंडर ब्रिज बनाने की आवश्यकता है।
रोशनी की व्यवस्थाः राष्ट्रीय राजमार्ग के बैतूल से नागपुर के 120 किमी हिस्से में करीब 30 किमी पर जगह-जगह रोशनी की व्यवस्था की गई है। इनमें बायपास मार्ग के अलावा टोल प्लाजा के आसपास के क्षेत्र ही शामिल हैं। ब्लैक स्पाट और दुर्घटना संभावित स्थानों पर रोशनी की कोई व्यवस्था नही है। बैतूल-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के सोनाघाटी चौराहा, औद्योगिक क्षेत्र के संपर्क मार्ग, बडोरा चौराहा, हनोतिया जोड़, परतापुर जोड़, बोथिया चौराहा समेत अन्य स्थानों पर प्रकाश की कोई व्यवस्था नही है।
ब्रेकर और संकेतक भी नही लगाएः बैतूल-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 47 पर सोनाघाटी चौराहा सबसे प्रमुख दुर्घटना संभावित क्षेत्र है। यहां पर बैतूल से फोरलेन को जोड़ने वाले मार्ग पर न तो स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं और न ही निर्धारित मापदंड का डिवाइडर ही बनाया गया है। इससे बैतूल से तेज रफ्तार में वाहन फोरलेन पर पहुंच जाते हैं और अक्सर नागपुर की ओर से आने वाले वाहनों से भिडंत हो जाती है। लगातार हो रहे हादसों से न तो एनएचएआई के अफसरों ने कोई सबक लेने की जहमत उठाई है और न ही स्थानीय प्रशासन के द्वारा दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं।
क्या कहते हैं तकनीकी विशेषज्ञः
बैतूल-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 47 के निर्माण के दौरान ही बैतूल शहर से फोरलेन पर आने वाले वाहनों की संख्या का आंकलन नहीं किया गया। चौराहे पर गति को नियंत्रित करने के लिए ब्रेकर, सिग्नल तक नहीं लगाए गए हैं। शहर के प्रवेश मार्ग को दिखाने वाला संकेतक तक नही है। इंटर सेक्शन पर ब्रांच रोड से आने वाले वाहनों के टकराने का खतरा बना रहता है।
-अतिन खरे, सिविल इंजीनियर।
Posted By: Nai Dunia News Network
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