
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। भोपाल शहर के पर्यटन स्थलों में शामिल केरवा डैम के गेट नंबर आठ पर बना सीसी स्लैब मंगलवार सुबह नौ बजे अचानक भरभराकर गिर गया। हादसा होने के कुछ देर पहले ही यहां से ग्रामीण गुजरे थे। गनीमत रही कि बड़ा हादसा होने से टल गया। यह पुल 45 साल पुराना बताया जा रहा है, जिस पर अक्सर पर्यटक आकर डैम का मनोरम दृश्य देखते थे। खास मौसम में यहां भीड़ भी लग जाती थी।
स्लैब गिरने की सूचना मिलते ही जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने स्ट्रक्चर की जांच कराने और नए सिरे से निर्माण कार्य शुरू करने की बात कही है। फिलहाल उक्त स्थल से आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
जानकारी के अनुसार, केरवा डैम के गेट नंबर आठ पर पुल करीब 1980 में बनाया गया था, जिसका उपयोग जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और इंजीनियरों द्वारा पैदल आवागमन और बांध का निरीक्षण करने के लिए किया जाता था।
इसके अलावा यहां रहने वाले ग्रामीण और आने वाले पर्यटक भी इस पुल से गुजरते थे। मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे कुछ लोग इस पुल पर से गुजरे थे, इसके कुछ देर बाद पुल पर बना सीमेंट-क्रांकीट का स्लैब गिर गया। यह देख वहां मौजूद लोग घबरा गए। उन्होंने इसकी सूचना जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दी गई। इसके बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने निरीक्षण कर आवजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही क्षेत्र में मौजूद अन्य जर्जर पुल-पुलियाओं की भी जांच करवाई जाएगी।
इस बार वर्षा के दौरान कोलार, भदभदा और कलियासोत डैम के गेट खुले थे, लेकिन केरवा डैम का एक भी गेट नहीं खोला गया। वर्तमान में केरवा डैम करीब नौ मीटर खाली है, जिसका फुल टैंक लेवल 509.93 मीटर है और वर्तमान में 500.79 मीटर तक जलस्तर है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केरवा बांध के दायें तरफ बने फुट ब्रिज की लंबाई 70 मीटर है, जिसमें कुल चार स्लैब में एक स्लैब करीब 17.5 मीटर क्षतिग्रस्त हुआ है।
केरवा डैम पर बने रपटा (पुल) का एक स्लैब गिरने की सूचना मिली थी। टीम को मौके पर भेजकर निरीक्षण करवाया गया है, जिसका निर्माण 1980 में करवाया गया था। पुल क्षतिग्रस्त होने के दौरान कोई जनहानि नहीं हुई है। सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। - राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग