Bhopal Dharam samaj : भोपाल (नवदुनिया प्रतिनधि)। अर्चना योगिनी एकादशी शुक्रवार को मनाई जाएगी। आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। श्रद्धालु इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करेंगे। मान्यता है कि योगिनी एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु का पूजन करने और कथा सुनने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल मिलता है। सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के साथ ही योगिनी एकादशी का व्रत मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।
ये है व्रत की महिमा
ज्योतिषाचार्य पंडित रामजीवन दुबे के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत संसार रूपी समुद्र में डूबने वालों के लिए एक जहाज के समान है और सब प्रकार के पापों का नाश कर मुक्ति दिलाने वाला है। इसके प्रभाव से गोहत्या तथा पीपल के पवित्र वृक्ष को काटने जैसे महापाप भी नष्ट हो जाते हैं। भक्त का भयंकर कुष्ठ रोग भी व्रत के प्रताप से दूर हो जाता है। व्रत करने वाले के समस्त मनोरथ पूर्ण करने और मोक्ष प्राप्ति में भी यह व्रत फलदायी है।
व्रत की पूजन-विधि
यह व्रत आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस दिन प्रात:काल उठकर दैनिक कर्मों से निवृत्त होकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराकर, चंदन, रोली, धूप, दीप, पुष्प से पूजन और आरती करें। पूजन के बाद ब्राह्मणों को यथाशक्ति दान-दक्षिणा दें। अगले दिन सूर्योदय के समय इष्ट देव को भोग लगाकर, दीप जलाकर और प्रसाद का वितरण कर व्रत का पारण करें।
Posted By: Lalit Katariya
- Font Size
- Close