
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। भोपाल में मेट्रो संचालन से पहले सुरक्षा की अंतिम परीक्षा गुरुवार से शुरू हो गई है। दिल्ली से अचानक पहुंची कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की टीम ने सुबह सुभाष नगर मेट्रो डिपो पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने डिपो में ट्रेन संचालन, सुरक्षा प्रोटोकाल और तकनीकी व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच की। इसके बाद दोपहर एक बजे टीम ने ट्रैक कार से मेट्रो ट्रैक का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण भोपाल मेट्रो की अंतिम परीक्षा का तीसरा पड़ाव है।
इस पड़ाव को पार करने के बाद सीएमआरएस की टीम ओके टू रन यानी संचालन की रिपोर्ट देगा। इसके बाद शासन तय करेगा कि भोपाल मेट्रो को कब शुरू किया जाना है। माना जा रहा है कि लगातार देरी के कारण हो रही आनन-फानन में सीएमआरएस टीम का निरीक्षण शुरू हो रहा है ताकि मेट्रो का संचालन जल्द से जल्द हो। हालांकि अधूरी तैयारियों व काम के बीच यह जल्दबाजी कहीं आमजन पर भारी न पड़ जाए।
गौरतलब है कि सीएमआरएस का भोपाल मेट्रो का यह तीसरा निरीक्षण है। इससे पहले दो बार टीम निरीक्षण कर चुकी है, लेकिन कुछ तकनीकी कमियों के कारण संचालन की अनुमति नहीं मिल सकी थी। मेट्रो प्रबंधन के अनुसार यदि इस बार सभी मानक सही पाए गए तो भोपाल मेट्रो को ओके टू रन रिपोर्ट मिल जाएगी।

अन्यथा संचालन की तारीख एक बार फिर आगे बढ़ सकती है। हालांकि ऐसी उम्मीद कम है। यह निरीक्षण मेट्रो के लिए अंतिम परीक्षा माना जा रहा है। उधर, मेट्रो कंपनी के एमडी एस. कृष्ण चैतन्य मेट्रो संचालन में हो रही देरी पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। उन्होंने पूरी तरह इस मामले में चुप्पी साध रखी है।
निरीक्षण के दौरान सुभाष नगर डिपो के पास टीम केंद्रीय विद्यालय (केवी) मेट्रो स्टेशन पर पांच मिनट रुकी और सुरक्षा मानकों का मूल्यांकन किया। इसके बाद वे बोर्ड ऑफिस मेट्रो स्टेशन पर करीब आधा घंटा रुके। यहां से एम्स मेट्रो स्टेशन तक टीम ने पहुंचकर ट्रैक की तकनीकी खामियों और संचालन व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान कमिश्नर नीलाभ्र सेनगुप्ता भी टीम के साथ मौजूद रहे।
तीन दिवसीय इस दौरे में सीएमआरएस टीम 15 नवंबर तक पूरे प्रायोरिटी कॉरिडोर की जांच करेगी। शुक्रवार को टीम आठ मेट्रो स्टेशनों का निरीक्षण करेगी, जबकि 15 नवंबर को प्रोजेक्ट से जुड़ी फाइलों की परखा जाएगा।