संत हिरदाराम नगर, (नवदुनिया प्रतिनिधि)। सिंधी समाज ने भगवान झूलेलाल के अवतरण दिवस यानि चैतीचांद मनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसकी शुरुआत एक शाम सिंधियत के नाम कार्यक्रम से हुई। अंतरराष्ट्रीय गायक जतिन उदासी के गीतों से सजी शाम में लोग झूम उठे। लेजर शो के माध्यम से सनातन संस्कृति और भगवान झूलेलाल की अवतरण कथा के बारे में बताया गया। महाकाल लोक के दर्शन भी कराए गए। जतिन ने आधी रात तक अपनी कला का जादू बिखेरा। अचानक शुरू हुई वर्षा के बावजूद दर्शकों का उत्साह कम नहीं हुआ। धमाकेदार संगीत के बीच जतिन के साथ दर्शक भी झूम उठे।।

सिंधु सेना द्वारा हलालपुर स्थित स्वागत गार्डन में आयोजित कार्यक्रम में युवाओं को प्राचीन संस्कृति के दर्शन कराए गए। रिमझिम वर्षा के बावजूद भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। महाकाल लोक की भव्यता और सिंधु नदी से शुरू हुई संस्कृति के बारे में विस्तार से बताया गया। अध्यक्ष राकेश कुकरेजा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि सनातन सभ्यता को बढावा देने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है। सिंधी समाज देश-विदेश में यह वर्ष अमर बलिदानी हेमू कालानी का जन्म शताब्दी वर्ष के रूप में मना रहा है। कार्यक्रम की शुरूआत उनके जीवन पर केंद्रित नाटक के मंचन से हई। 21 बहिराणा साहब सजाए गए थे। जल एवं ज्योति की पूजा के बाद अंतरराष्ट्रीय कलाकार जतिन उदासी ने संगीतमय प्रस्तुति दी। जतिन ने मुंहिंजो खटी आयो खैर सां होजमालो गीत के साथ शुरूआत की।

महाआरती से हुई शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत भगवान झूलेलाल की महाआरती से हुई। इसमें संत हिरदाराम नगर सहित भोपाल के विभिन्न इलाकों में रहने वाले सिंधी समाज के लोग शामिल हुए। महाआरती के बाद जतिन उदासी ने शानदास प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन दीपेश रामचंदानी ने किया। बाल कलाकार हर्षित चांदवानी ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया। इस मौके पर साध्वी द्रोपति धनवानी, संत हिरदाराम नगर इकाई के अध्यक्ष सुमित आहूजा, हेमंत सोनी, अनिल थारवानी, दर्शन कुकरेजा, राहुल तलरेजा एवं विकास वाधवानी आदि उपस्थित थे।

Posted By: Ravindra Soni

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