Bhopal News : भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। रातीबड़ पुलिस ने सोमवार रात ग्राम केकडिया में ईसाई मतांतरण का भंडाफोड़ कर सनसनीखेज राजफाश कर दिया। पुलिस ने ईसाई धर्मगुरु हीरालाल जमोद आदिवासी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपित करीब पांच साल से गांव में गृह क्लेश, प्रेत बाधा और रोगी का इलाज के नाम पर यह मतांतरण करा रहा था।

रुपये और नौकरी देने का लालच देता था

मामले की जानकारी लगने के बाद पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई कर छापेमारी कार्रवाई की। उस समय पुलिस ने उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया था। आरोपित के घर पर रोजाना 40 से 50 लोग उसके घर पर आकर प्रार्थना करने आते थे।पुलिस पूछताछ में यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उनको फंडिंग कहां से हाे रही थी और कितने लोगों का यह मतांतरण कर चुका है। हालांकि संख्या की जानकारी जुटाई जा रही है। यह काम इतनी सफाई से चल रहा था, प्रेत बाधा , लव जेहद लोगों और मतांतरण कराने वाला का प्रवेश वर्जत का बोर्ड भी लगा रखा था।

रातीबड़ पुलिस के मुताबिक रविवार रात में सूचना मिली थी कि ग्राम कैकाडिया के एक मकान में ईसाई धर्मगुरु हीरा लाल जामोद के घर में झाड़ फूंक और रोगों का इलाज कराया जा रहा है। किसी बात को लेकर महिला से कहासुनी हो गई थी, उसने अपने भाई को यह बात बताई , वह सेना में है, उसने थाना रातीबड़ में सूचना दी थी।

वह ईसाई धर्म की प्रार्थना कर रहे थे। इसको लेकर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची तो काफी लोग जमा होकर मौजूद थे। इसको लेकर पुलिस कई लोगों ने शिकायत की वह रोजाना अपनी - अपनी बीमार के इलाज के लिए आते हैं तो यह लोग मतांतरण करने की बात कर उनको रुपये से लेकर तमाम तरह के प्रलोभन देते हैं।

इस पर पुलिस ग्राम ग्राम कैकाडिया के सरपंच डालचंद बंजारा को बुलाया और पूरे मामले की जानकारी देकर पुलिस के सामने कई राज खोले। इस पर पुलिस ने गांव के सरपंच को इस मामले में फरियादी बनाकर आरोपित हीरालाल जामोद (26)उसके साथी गब्बर सिंह (25) और रैम सिंह(23) पर मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम , 506 और 34 के तहत तहत प्राथमिकी की गई है।हीरालाल जामोद की गांव पांच एकड़ जमीन है।

पांच साल पहले भी आया था मामला सामने

आरोपित हीरा लाल जामोद के इस प्रकार के मतांतरण की शिकायत गांव वालों में पांच साल पहले भी उस समय की थाना प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी आदिती भावसार के कार्यकाल में की थी। उस समय मामले को समझा बुझाकर शांत कर दिया था। उसके बाद आरोपित लोगों को नौकरी , रुपये और बीमारी में लाभ का झांसा देकर उनका मतांतरण करने के लिए दबाव बना रहा था। इसका राजफाश रविवार को हो गया है। उसके पास से धार्मिक ग्रंथ और ईसाई धर्म के फोटो बरामद किए गए हैं।

आदिवासी महिलाएं रहती थी निशाने पर

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि आराेपित हीरालाल जामोद के निशाने पर आदिवासी महिलाएं और वह महिला रहती थी जो अपने घर पर प्रेत बाधा , गृह क्लेश और बीमारी के नाम पर उनको मतांतरण करने के विवश करता था। वह कई लोगों को मतांतरण करा रहा था। वह उनको रुपये और नौकरी का लालच देता था। उसके घर पर कैकडिया और आसपास की गांव की महिलाएं आती थी। उसे काफी लोगों का मतांतरण कराया है, संख्या के बारे में पता करवा रहे हैं।काफी लोगों वापस हिन्दू धर्म में वापस भी लौट आए हैं।

इंदौर से सीखा है

आरोपित हीरालाल जामोद ने पूछताछ में बताया कि उसने पांच साल पहले यह सब इंदौर में शिक्षा ली और सीखा था। उसके बाद वह भोपाल में गांव आकर यह काम करने लगा था। उसके दोनों साथी भी इसी काम में शामिल थे , वह गांव - गांव घूमकर महिलाओं को उसके पास तमाम तरह से झांसा देकर लाते थे।

Posted By: Lalit Katariya

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