भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। राजधानी के मानसरोवर धाम में एक पाषाण से निर्मित विशाल शिवलिंग के साथ 12 ज्योतिर्लिंग की प्राण-प्रतिष्ठा विधि-विधान से संपन्न हुई। इस अवसर पर धाम में बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु दर्शनलाभ के लिए पहुंचे। जगद्गुरु रामकमल दास वेदान्ती महाराज एवं अन्य संतों के सानिध्य में मंत्रोच्चार के साथ रूद्र महायज्ञ हवन कुंड में आहूतियां दी गईं। परिसर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण और शिवजी के जयघोष के साथ अनुष्ठान संपन्न हुआ।

इस अवसर पर जगद्गुरु रामकमल दास वेदान्ती महाराज ने कहा कि आक्सीजन की तरह होता है धर्म और अध्यात्म। पुण्योदय से प्राप्त मानव जीवन में हमारा दृष्टिकोण कैसा होना चाहिए? संत जीवन को माली जैसा बनाकर जीवन से रागद्वेष रूपी सूखे पत्त आदि हटाकर अध्यात्म की सुगंध और संयम को चुनते हैं। संसार में सुख मात्र दिखाई देता है वास्तव में होता नहीं है। भगवान राम का संपूर्ण जीवन चुनौतियों से भरा हुआ था, पर समताभाव के साथ प्रभुराम चुनौतियों को भी तपस्या माना। जो लोग परोपकार के लिए जीते हैं, उनके लिए संसार में कुछ भी असंभव नहीं है और कुछ भी करना दुर्लभ नहीं है। उन्होंने कहा दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति संकल्प शक्ति है। अर्थात छोटे-छोटे नियम एक दिन ऊंचाइयों की ओर ले जाते हैं। संकट के समय जो धर्म और धैर्य को संभाल लेता है, उसके संकट जल्द समाप्त हो जाते हैं। आयोजक संजय कश्यप द्वारा सभी संतों का बहुमान किया गया।

इस अवसर पर विशेष रूप से कांगड़ा पीठाधीश्वर संतानंद सरस्वती, क्षेत्रीय विधायक रामेश्वर शर्मा, पंडित लेखराज शर्मा, पंडित अशोक शास्त्री, पंडित शलिगराम तेनुपुरिया, रामबाबू अग्रवाल, महेश गर्ग, ओमप्रकाश अग्रवाल, राजेन्द्र बंसल, अजय मित्तल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

Posted By: Ravindra Soni

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