Bhopal News : भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। संकल्प से सृष्टि बनती है। सृष्टि से संकल्प नहीं बनता। संकल्प की गुणवत्ता डाउन हो गई तो उसका सृष्टि के ऊपर भी असर पड़ गया। दूसरों की गलतियों के लिए अपने भाग्य को कम ना करें। कोई भी हमारे अनुसार परफेक्ट नहीं हो सकता है। हम ऐसी दुनिया बना सकते हैं या परफेक्ट माइंड बना सकते हैं? इसके लिए पहला कदम है जैसे कोई बात आती है तो उस पर कितना सोचना नहीं कैसा सोचना है यह जांच करो। अपने मन को चुप कराने के लिए 10 सेकंड निकालो। यदि इसके लिए कुछ नहीं किया तो अगले वर्ष तक यह शोर बढ़ता जाएगा। इस समय हम अपने मन के शोर को दबाने के लिए उसको डिस्ट्रैक्ट कर रहे हैं, उसका पता नहीं कर रहे हैं। क्या हम ऐसा बोल सकते हैं इस बात में मेरा कल्याण है। यह परिस्थिति तूफान नहीं है, यह एक उपहार है जो मुझे आगे बढ़ाने के लिए आया है।
यह बात अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता बीके शिवानी दीदी ने शुक्रवार को नीलबड़ ब्रम्हाकुमारीज सुख शांति भवन के नवनिर्मित अनुभूति सभागार में चल रहे "इमोशनल हीलिंग" कार्यक्रम में कही। दो घंटे से अधिक समय तक कोई भी श्रोता अपनी जगह से नहीं हिले। अपने जीवन का प्रबंधन करने वाले सूत्र समझाते हुए शिवानी दीदी ने कहा, परिस्थिति कितनी भी नकारात्मक हो, लेकिन हमें सकारात्मक शब्द बोलने हैं। सकारात्मक शब्द बोलते-बोलते हमारी ऊर्जा बदलने लगेगी, मन की शक्ति बढ़ने लगेगी। हमारे शब्द ऐसे होने चाहिए जिससे मेरी ही नहीं दूसरों की भी ऊर्जा बढ़े। हर व्यक्ति, परिस्थिति के लिए मुझे हाई वाइब्रेशन थॉट क्रिएट करने हैं। हमारी सोच उनके भाग्य को बदल सकती है। अपनी सोच को ऊपर उठा कर भी हम दूसरों की हिलिंग कर सकते हैं। हाई एनर्जी शब्दों का उच्चारण होने से वहां की एनर्जी स्तर बढ़ जाता है। हम अपने घर की एनर्जी को हाय एनर्जी बना सकते हैं। जो संकल्प शक्तिशाली होता है उसको वरदान मिलता है संकल्प सिद्धि का। जैसा आप सोचेंगे वैसा होने लगेगा। संकल्प से सृष्टि, संकल्प से सिद्धि यह एक नियम है। कोई भी परिस्थिति का सामना करना सहज लगेगा। जो बात असंभव लगती है उसके लिए सोचिए वह हो चुका है। जो दिख रहा है वह नहीं सोचना है, जो देखना चाहते हैं वह सोचना है। रात को सोने से पहले इसको जरूर करना है। एक महीने के अंदर आपकी परिस्थितियां बदलती हुई दिखाई देंगी।
-आठ संकल्प लेने के बारे में बताया
दीदी शिवानी ने कहा रोज आठ संकल्प करें। पहला संकल्प मैं शक्तिशाली आत्मा हूं। दूसरा संकल्प मैं शांत हूं, स्थिर हूं। तीसरा संकल्प मैं सदा खुश हूं। चौथा संकल्प मैं निश्चिंत हूं, निडर हूं। पांचवा संकल्प जो आप बनना चाहते हैं वह सोचें। छठा संकल्प मेरा शरीर स्वस्थ है और हमेशा रहेगा। सातवां संकल्प अपने रिश्तों के लिए, मेरा हर रिश्ता प्यार और सम्मान की नींव पर टिका है। आठवां संकल्प परमात्मा की शक्तियां और दुआएं मेरे चारों तरफ सुरक्षा कवच है। रात को सोने से पहले सुबह उठने के बाद और खाना खाने से पहले जरूर इन संकल्पों को दोहराए और अपने जीवन में होने वाले सकारात्मक बदलाव को खुद ही अनुभव करें। सिर्फ एक महीने में ही आपको इसके परिणाम मिलने लगेंगे।
-नर्मदापुरम रोड ब्रह्मकुमारीज केंद्र में आज संबोधन
दीदी शिवानी का प्रेरक संबोधन शनिवार को नर्मदापुरम रोड ब्लेसिंग हाउस सहस्त्रबाहु नगर में संबोधन है। वे कार्यक्रम में शामिल होने वालों को जीवन का उद्देश्य विषय पर सुबह 10 बजे से संबोधित करेंगी।
Posted By: Lalit Katariya
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