भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में पर्यटक आगामी दिनों में बांस की टोपी, कपड़े का चस्मा और हाथ में कचनार के पत्तों से बना ईको फ्रेंडली पेन लिए नजर आ सकते हैं। इस पर विचार-मंथन किया जा रहा है। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल के एक छात्र ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में रिसर्च ओरिएंटेड इंटर्नशिप प्रोग्राम कर कुछ आविष्कार किए हैं। साथ ही कुछ सुझाव भी दिए हैं, जो संग्रहालय और दर्शकों के बीच काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल अपने यहां ग्रेजुएट और अंडर ग्रेजुएट स्तर के स्टूडेंट्स को म्यूजियम के बारे में सीखने और प्रोफेशनल स्किल हासिल करने के लिए इंटर्नशिप मुहैया कराता है, ताकि छात्रों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए पेशेवर कौशल हासिल हो सके। इस कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान निफ्ट भोपाल में स्नातक में अध्ययनरत छात्र अवि आनंद ने संग्रहालय में वर्तमान जीवन शैली के विभिन्न साधनों एवं उपायों पर चार महीने तक इंटर्नशिप की। इसके तहत संग्रहालय परिसर में मूर्त उत्पादों को दर्शकों के लिए कैसे उपयोगी बनाया जाए उस पर शोध कार्य करके मानव संग्रहालय के क्यूरेटर और उपस्थित दर्शकों के मध्य प्रस्तुति दी। उन्होंने संग्रहालय भ्रमण के दौरान दर्शकों को आने वाली समस्याओं का पता लगाया और मानव संग्रहालय के अधिकारी एन सकमाचा सिंह और गरिमा आनंद के साथ ही अन्य क्यूरेटर से चर्चा कर समाधान निकाला है।

उन्होंने मौजूदा ब्रोशर के गौण और सार्वभौमिक डिजाइन पर पुनः समीक्षा करने का सुझाव दिया है, जिसमें फोटो कम और टेक्स्ट ज्यादा है। कचनार के पत्तों में निडिल डालकर पेन बनाया और लकड़ी की हेड गियर (टोपी) और आइवियर (चश्मा) को स्मार्ट तरीके से जोड़ने की एक पूरी नई अवधारणा पेश की। चश्मा बैंबू का और टोपी जीआइ वायर और कपड़े से बनी है। ये सभी उत्पाद ईको फ्रेंडली हैं। इन्हें संग्रहालय आने वाले दर्शकों को बेचने का सुझाव भी छात्र ने दिया है।

फोटो खींचते ही बजेगा आडियो

मानव संग्रहालय के निदेशक डा भुवन विक्रम एवं उपस्थित क्यूरेटर्स ने अवि के इंटर्नशिप के दौरान किए गए शोधपरक कार्य और उनके परिणाम की समीक्षा कर बधाई दी। इस अवसर पर निदेशक ने समकालीन डिजाइनरों द्वारा मन की कल्पना और डिजाइन के व्यावहारिक पहलू पर शोध करने पर जोर देते हुए अवि आनंद द्वारा तैयार किए गए कार्य में से स्मार्ट आडियो विजुअल गाइड ब्रोशर और हेडगियर सह आइवियर माडल पर आगे कार्य करने की सलाह दी। अवि द्वारा बनाए गए ब्रोशर का फोटो खींचने से आडियो बजेगा और फोटो से संबंधित पूरी जानकारी सुनाई देगी। यह यूट्यूब के माध्यम से संभव होगा। इसमें आब्‍जेक्ट के पास क्यूआर कोड होगा, जिसे फोटो के माध्यम से एप पढ़ेगा और यूट्यूब वीडियो मोबाइल में खुल जाएगा। उन्होंने लकड़ी के फोल्डर बनाए हैं, जिनमें उपयोगी सामान रखा जा सकता है। दो सौ एकड़ में बने मानव संग्रहालय को घूमने के लिए एप भी बनाया है, जिसके माध्यम से दर्शक अपनी करेंट लोकेशन जान सकेंगे।

Posted By: Ravindra Soni

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