Bhopal News : भोपाल। छह फीट से कुछ इंच ऊंचा कद, इकहरी काया और अमिताभ बच्चन की तरह थिरकने का अंदाज...। मध्य प्रदेश डाक परिमंडल कार्यालय में सहायक निदेशक ( तकनीकी) के पद पर कार्यरत सुरेन्द्र कुमार दीक्षित दोस्तों के बीच अपने इसी कद-काठी और अंदाज के लिए लोकप्रिय थे।
Bhopal News : वीडियो देखिये, बस आज की रात है जिंदगी - गीत पर नाचते हुए आ गई मौत, चली गई जान#mpnews #bhopalnews #Naidunia https://t.co/ie5VKbZE00 pic.twitter.com/57hvukGdWQ
— NaiDunia (@Nai_Dunia) March 20, 2023
16 मार्च की रात कार्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रम में सहभोज के बीच फिल्मी गीत, अपनी तो जैसे-तैसे कट जाएगी...पर दोनों हाथ उठाकर वे नाच रहे थे, सामने खड़े मित्र सहायक निदेशक अभिषेक चौबे दोस्त की खुशी और उनके नाचने के अंदाज को मोबाइल में कैद कर रहे थे।
इसके बाद, जैसे ही मंच से, बस आज की रात है जिंदगी, कल हम कहां, तुम कहां... गीत बजा, थिरकते हुए एसके दीक्षित जिगरी दोस्त चौबे के कदमों के पास ही गिर पड़े...। सहकर्मी उन्हें लेकर अस्पताल की ओर दौड़े, लेकिन दीक्षित अनंत यात्रा पर निकल चुके थे...चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
चिकित्सकों ने आशंका जताई है कि दीक्षित का हार्ट फेल हुआ। इसके चलते कुछ ही क्षणों में उनकी मृत्यु हो गई। डाक परिक्षेत्र में हर कोई सहायक निदेशक दीक्षित के आखिरी बोल और थिरकते हुए अचानक विदा हो जाने की चर्चा कर रहे हैं।
गौरतलब है कि पांच साल बाद भोपाल के डाक परिमंडल को राष्ट्रीय हॉकी टूर्नामेंट की मेजबानी का मौका मिला, देश के कई राज्यों से हाकी खिलाड़ी यहां आए हुए थे। परंपरा के अनुसार प्रतियोगिता के अंत में खिलाड़ियों के सम्मान में मुख्य पोस्टमास्टर जनरल की ओर से सहभोज दिया गया था।
इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम भी थे। इस कार्यक्रम में भोज के बाद हल्के-फुल्के माहौल में कर्मचारी नाच रहे थे, तभी दीक्षित को हार्ट अटैक आ गया। उनके अचानक जाने से सभी स्तब्ध हैं।
मुख्य पोस्टमास्टर जनरल ने दीक्षित की आकस्मिक मृत्यु पर शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि दीक्षित का यूं अचानक चले जाना मध्य प्रदेश डाक परिमंडल, डाक विभाग के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने बताया कि एसके दीक्षित डाक विभाग में सबसे छोटे पद ग्रामीण डाक सेवक से सहायक निदेशक तक अपनी काबिलियत, मेहनत, सरल स्वभाव, मिलनसार व्यक्तित्व के चलते पदोन्नति प्राप्त करते हुए पहुंचे थे। उनकी लगन और तरक्की नौजवान युवा कर्मचारियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है।
दीक्षित के परिवार में पत्नी और दो पुत्रियां हैं। बड़ी बेटी बैंगलुरु से एमबीए तो छोटी बेटी लेडी श्रीराम कालेज दिल्ली से अध्ययन कर रही है। पोस्टमास्टर जनरल इंदौर ब्रजेश कुमार ने दीक्षित को याद करते हुए बताया कि वह बड़े ही मिलनसार, सरल, सहज व्यक्तित्व के धनी थे जो डाक विभाग के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में हमेशा सक्रिय रहे हैं।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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