भोपाल। शहर के बिट्टन मार्केट के दशहरा मैदान में आयोजित 'देसी हांडी फूड फेस्ट' के तहत भोपालवासी बाजरा से बने तरह-तरह के व्यंजनों का स्वाद चख सकते हैं। इनमें ज्वार गुलाब जामुन, रागी की बालूशाही, कुटकी के कटलेट, कुटकी मंचूरियन, मल्टी मिलेट बिरयानी, रागी कस्टर्ड, कोदो खीर, रागी इडली, कोदो चावल पुलाव, कोदो का उपमा और कुटकी की फिरनी शामिल है। इसमें कुछ बेकरी आइटम जैसे ज्वार ब्राउनी, ज्वार मफिन, ज्वार कुकी आदि भी शामिल है।

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2023 को 'इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर' अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया गया है। मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (एमपीटीडीसी) द्वारा आदिवासी विभाग और हेशेल फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय फूड फेस्ट शनिवार शाम से शुरू हो गया, जिसका शुभारंभ महापौर मालती राय ने किया। इस अवसर पर वन्या प्रकाशन की प्रबंध संचालक मीनाक्षी सिंह भी उपस्थित रहीं।

'ट्राइबल से ट्रेडिशन तक' थीम पर आयोजित इस फूड फेस्ट में कोरकू, गोंड, बैगा, भील और सहरिया जनजातीय समूहों के पारंपरिक करीब 23 फूड स्टाल लगाए गए हैं। बंगाली, मराठी, उड़िया, तमिल, मराठी मलयाली और राजपूताना समुदाय के कुछ पारंपरिक व्यंजन भी उपलब्ध हैं। भोजन के अलावा, कुछ हथकरघा और हस्तशिल्प वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया है। मिट्टी से बना पांच फीट का बर्तन (हांडी) भी प्रदर्शित है। फेस्ट की पहली शाम केा कोरकू, भगोरिया, परधौनी और बिरहा जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुतियां हुईं। बाजरे के व्यंजनों की रेसिपी जानने के लिए नवदुनिया प्रतिनिधि ने उत्सव में आए रसोइयों से बात की।

ज्वार गुलाब जामुन : इसे ज्वार के आटे, किसा हुआ पनीर, इलाइची पाउडर और चाशनी का उपयोग करके बनाया जाता है। इसे तैयार करने में 30 मिनट का समय लगता है। इसे दो हफ्ते तक इस्तेमाल किया जा सकता है।

रागी की बालूशाही : इसे रागी के आटे, बेकिंग पाउडर, दही, घी और चाशनी से बनाया जाता है। इसे पकने में 60 मिनट का समय लगता है। इसे दो हफ्ते तक इस्तेमाल किया जा सकता है

कुटकी के कटलेट : इसे कुटकी चावल (थोड़ा बाजरा), गाजर, और पत्ता गोभी, हरी मिर्च, हरी बीन्स, पत्ता गोभी, शिमला मिर्च, हरा धनिया से बनाया जाता है। इसे बनाने में 30 मिनट का समय लगता है। इसे टमाटर और हरे धनिये की चटनी के साथ परोस सकते हैं।

Posted By: Ravindra Soni

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