भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। प्रदेश के साथ-साथ जिले में भी अपनी मांगों को लेकर तहसीलदार, नायब तहसीलदार सोमवार को अवकाश पर रहे। इससे जिले के सभी आठ सर्कल की 25 से ज्यादा राजस्व न्यायालय में सुनवाई नहीं हुई। जिसकी वजह से लगभग 500 से अधिक मामलों की सुनवाई टालते हुए तारीख बढ़ा दी गई है। इसके अलावा सरकार की महत्वपूर्ण योजना लाड़ली बहना योजना का क्रियान्वयन एवं बेमौसम वर्षा, ओलावृष्टि से प्रभावित फसल सर्वे का काम भी प्रभावित हुआ है। बता दें कि राजधानी सहित पूरे प्रदेश के लगभग 1,600 राजस्व अधिकारी सोमवार से बुधवार तक सामूहिक अवकाश पर हैं। दरअसल राजस्व अधिकारी संघ द्वारा सरकार से राजस्व अधिकारियों की पदोन्नति, नायब तहसीलदार को राजपत्रित दर्जा, राजस्व अधिकारियों की वेतन विसंगति दूर करने आदि मांग की जा रही हैं।

खाली रही तहसीलदारों की कुर्सियां, बिना सुनवाई लौटे लोग

जिले के हुजूर, कोलार, बैरागढ़, गोविंदपुरा, शहर, एमपीनगर, टीटीनगर और बैरसिया वृत्त में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसएलआर एवं एएसएलआर की कुर्सियां खाली रहीं। इन कार्यालयों में बाबू एवं कर्मचारी ही आवेदन लेते हुए नजर आए और साथ ही पेशी पर आने वाले लोगों को अगली तारीख की जानकारी देते रहे। ऐसे में दूरदराज ग्रामीण क्षेत्र से आए किसान वापस लौट गए।

राजस्व सहित यह मामले अटके

जिले में लोकसेवा केंद्रों के माध्यम से लगभग एक हजार से अधिक आवेदन किए जाते हैं। इनके अलावा 500 आवेदन राजस्व संबंधी होते हैं। जिनमें नामांतरण, सीमांकन, बंटान आदि शामिल होते हैं जो कि सोमवार को नही हुए। इनके अलावा डायवर्जन वसूली, नजूल वसूली का काम भी प्रभावित हुआ। वहीं आय, जाति, मूल निवासी और ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र के भी काम नहीं हो सके।

फसल सर्वे पर होगा बड़ा असर

हाल ही में हुई ओलावृष्टि की वजह से किसानों की गेहूं फसल चौपट हो गई है। इस नुकसान का सर्वे कराया जाना है, बताया जा रहा है कि जिले में 20 से 25 प्रतिशत तक फसल का नुकसान हुआ है। तहसीलदारों के अवकाश पर जाने से सर्वे दल का गठन नहीं किया जा सके। ऐसे में फसल का सर्वे भी आधा-अधूरा ही हो पाएगा। अधूरे सर्वे हुए।

Posted By: Ravindra Soni

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