भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। सेवानिवृत्त रेलकर्मियों की समस्याओं पर प्रत्येक महीने की एक तारीख को सुनवाई होगी। यह सुनवाई आल इंडिया रिटायर्ड रेलवे मेंस फेडरेशन की भोपाल शाखा के पदाधिकारी करेंगे। ये अपने स्तर पर सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों की समस्याओं को सुनेंगे। अपने स्तर पर निराकरण का प्रयास कराएंगे। इसके अलावा जो समस्याएं रेल मंडल कार्यालय के संज्ञान में लाने योग्य होंगी, उन पर चर्चा की जाएगी और निराकरण कराया जाएगा।
नवीन कार्यकारिणी का गठन हुआ
फेडरेशन की बैठक शनिवार को पश्चिम मध्य रेल संस्थान भोपाल में बुलाई थी। जिसमें नवीन कार्यकारिणी का गठन किया गया है। महेंद्रजीत सिंह को अध्यक्ष, एनपी चारवे को सचिव, यूके काले को कार्यकारी अध्यक्ष और मुकेश अवस्थी को प्रचार सचिव बनाया है। प्रचार सचिव मुकेश अवस्थी ने बताया कि फेडरेशन की भोपाल शाखा की बैठक प्रत्येक महीने की एक तारीख को रेल संस्थान में होगी। जिसमें सेवानिवृत्त रेलकर्मियों व उनके स्वजनों के कल्याण से जुड़े विषयों पर चर्चा की जाएगी। मौजूदा समय में कुछ समस्याएं हैं, जिन्हें भोपाल रेल मंडल के सामने रखा जाएगा और उनका निराकरण कराया जाएगा। फेडरेशन की भोपाल के अलावा इटारसी, गुना और निशातपुरा पुन: निर्माण रेल डिब्बा कारखाना में भी शाखा है, जहां के पदाधिकारी क्षेत्रीय सेवानिवृत्त रेलकर्मियों के कल्याण के लिए काम करेंगे।
वेतन व सुविधा मांगते जाते हैं तो कहते हो आप तो संविदाकर्मी हो
प्रदेश में चल रहे चुनावों में संविदा कर्मचारियों को मतदान अधिकारी बनाया गया है। मप्र संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने इसको लेकर कहा है कि चुनाव ड्यूटी करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जब वेतन व सुविधा मांगते हैं, नियमित करने का कहते हैं तो शासन के अधिकारी संविदाकर्मी बताकर हड़का देते हैं। सुनवाई नहीं करते, भेदभाव करते हैं। अब काम नियमित कर्मचारियों की तरह लिया जा रहा है तो वेतन व सुविधाएं भी उसी तरह दी जानी चाहिए। महासंघ के प्रतिनिधियों ने शासन को ज्ञापन सौंपकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि प्रदेश में डेढ़ लाख से अधिक संविदा कर्मी कार्यरत हैं। इनमें से ज्यादातर को 15 से 20 वर्ष हो चुके हैं। पांच वर्ष से कम सेवा अवधि किसी की नहीं है। इनमें से 75 प्रतिशत मुख्य जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। तब भी इन्हें मामूली वेतन दिया जा रहा है, सुविधाएं नहीं दी जाती है। भेदभाव किया जा रहा है। वहीं समान काम करने वाले नियमित कर्मचारियों को अच्छा वेतन व सभी सुविधाएं दी जा रही है।
Posted By: Ravindra Soni
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