Budget 2023 : भोपाल(नवदुनिया प्रतिनिधि)। कान्फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री(सीआइआइ)ने केंद्रीय बजट पेश होने पर आइएसबीटी नर्मदापुरम रोड के एक होटल पर बजट पर चर्चा रखी। सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक सीआइआइ के पदाधिकारियों सामूहिक रूप से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट को सुना, देखा समझा और विश्लेषण किया। इसके बाद बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बजट को देश की अर्थव्यवस्था बढ़ाने अहम भूमिका निभाने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम(एमएसएमई)को बढ़ाने के लिए संजीवन बूटी बताया। दरअसल कोराना संक्रमण बीते दो वर्षों में एमएसएमई बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

एक महिला वित्त मंत्री को एक महिला राष्ट्रपति के नेतृत्व में भारत का आर्थिक बजट पेश करते हुए देखकर बेहद खुश हूं, जो भारत में महिला सशक्तिकरण के सुनहरे युग को दर्शाता है। ईओडीबी को बढ़ावा देने के लिए 39,000 अनुपालन को कम करने और 3,400 कानूनी प्रावधानों को कम करने का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है जो न सिर्फ देश और मप्र में उद्योगों और एमएसएमई का समर्थन करेगा। विदेशी निवेश को भी आकर्षित करेगा।

-मिहिर मर्चेंट, अध्यक्ष, सीआइआइ भोपाल जोन

बजट हम सभी के लिए एक दूरगामी द्ष्टि है। विशेषतौर जब हम वैश्विक आर्थिक मंदी देखते हैं और प्रमुख देश अर्थव्यवस्था की अच्छी तस्वीर नहीं दिखा रहे हैं। बजट में घरेलू खपत बढ़ाने और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने के फैसले पर जोर दिया गया है, जो कपड़ा, खाद्य, शिक्षा और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों के लिए एक अच्छा अवसर होगा। मैं इन सभी को देखता हूं। आने वाले समय में सेक्टर अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

-सिद्धार्थ अग्रवाल, उपाध्यक्ष, सीआइआइ भोपाल जोन

बजट-2023 में कृषि ऋण लक्ष्य में 20 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन जैसे उद्योगों पर जोर देने से आर्थिक विकास पर सकारात्मक गुणक प्रभाव पड़ेगा। एक अप्रैल से शुरू होने वाले 9,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी योजना को फिर से शुरू करना सूक्ष्म उद्योगों के लिए बहुत अच्छा कदम बजट में उठाया गया है। इससे कोरोना मेें प्रभावित एमएसएमई को संजीवन बूटी मिलेगी।

-अनिमेष जैन, अध्यक्ष, सीआइआइ मप्र

केंद्र सरकार द्वारा बहुत अच्छा बजट पेश किया गया है। निश्चित रूप से पूंजीगत सामान क्षेत्र के भीतर कई तरह से स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देगा। अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगा। अप्रत्यक्ष रूप से बड़े परिप्रेक्ष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित और बढ़ावा देगा। व्यक्तिगत कर दर में बदलाव के कारण मध्यम वर्ग के लिए कर बचत भी खुदरा खपत को बढ़ाएगी।

श्रेयस्कर चौधरी, उपाध्यक्ष, सीआइआइ मप्र

Posted By: Lalit Katariya

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