Cheetah Project in MP : भोपाल (राज्य ब्यूरो)। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की लगातार हो रही मौतों से राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है। मामले का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चीता परियोजना की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री चौहान को वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने चीतों को बसाने, उनको क्वारंटाइन रखने की अवधि और उनकी देखरेख से जुड़े विभिन्न मामलों की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नौरादेही और गांधीसागर अभयारण्य को जल्द तैयार कराएं, चीतों के अनुकूल तैयार होने पर उन्हें वहां शिफ्ट करें। अधिकारियों ने बताया कि गांधीसागर अभयारण्य में आवश्यक तैयारी प्रारंभ हो चुकी हैं, जो नवंबर तक पूरी होने की संभावना है।

इसी तरह नौरादेही अभयारण्य में भी तैयारी प्रारंभ की जानी है। बैठक में निर्देश दिए गए कि नौरादेही तथा गांधीसागर अभयारण्य में इन तैयारियों के लिए टाइम लाइन निर्धारित कर इसे नवगठित प्रोजेक्ट चीता स्टीयरिंग कमेटी से अनुमोदन करवाएं। कुल छह चीतों को खुले जंगल में छोड़ा गया है, जिनकी दिन-रात मानिटरिंग की जा रही है।

आगामी दिनों में तीन और चीतों को खुले जंगल में छोड़े जाने की योजना है। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, वन बल प्रमुख रमेश कुमार गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) जे.एस. चौहान और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) शुभ रंजन सेन उपस्थित थे।

कुपोषण, अत्यधिक गर्मी और कम वजन के कारण हुई चीता शावकों मौत

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) जेएस चौहान ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की वर्तमान स्थिति और चीता शावकों की मृत्यु के कारणों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 23 मई को चीता शावकों की हुई मृत्यु के संभावित कारण पोषण में कमी तथा अत्यंत गर्मी का मौसम प्रतीत होता है। मृत शावकों का वजन अत्यंत कम 1.6 किलोग्राम था, जबकि मानकों के अनुसार इस आयु के शावकों का वजन लगभग तीन किलोग्राम होना चाहिए। चौथे शावक को रेस्क्यू कर वन्य-प्राणी चिकित्सकों की निगरानी में इलाज किया जा रहा है। शावक के स्वास्थ्य में सुधार दिख रहा है।

Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

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