Cyber Crime in Madhya Pradesh: बृजेंद्र ऋषीश्वर, भोपाल। पूरे देश में इन दिनों आनलाइन धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। भोपाल समेत पूरे प्रदेश में साइबर धोखाधड़ी की करीब 85 हजार शिकायतें अलग-अलग जिलों से होकर राज्य साइबर सेल पहुंची हैं। यह आंकड़ा मात्र वर्ष 2022 में ही नवंबर तक का है। सभी 85 हजार शिकायतें राज्य साइबर सेल के भोपाल में दो जांच अधिकारी समेत सात जिलों में पदस्थ 15 अधिकारियों के जिम्मे हैं। नतीजन अधिकतर मामलों पर जांच तक शुरू नहीं हो पाई है।
सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक डीके आर्य के मुताबिक 15 वर्ष पहले राज्य साइबर सेल में प्रति वर्ष करीब 2000 शिकायतें दर्ज की जाती थीं। उस समय 20 जांच अधिकारी प्रदेश में हुआ करते थे। अब जब 85 हजार शिकायतें नवंबर 2022 तक राज्य सेल में पहुंच चुकी हैं और दिसंबर में यह संख्या पहली बार एक लाख के पार होने की आशंका है, तो राज्य साइबर सेल इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर को मिलाकर करीब 15 जांच अधिकारियों तक ही सीमित है।
उल्लेखनीय है कि राज्य साइबर सेल के जिम्मे ओटीपी पूछे जाने से लेकर डार्कनेट और क्रिप्टो करेंसी जैसे गंभीर और तकनीकी दक्षता की मांग रखने वाले गंभीर मामलों की जांच भी है। साइबर सेल के अधिकारियों का कहना है कि साइबर धोखाधड़ी की जांच में अधिकांश जानकारियां तकनीकी रूप से निकालनी होती हैं। इसके लिए उनको प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की जरूरत है, नहीं तो धोखाधड़ी के मामलों की शिकायतों की जांच को पूरा होने में सालों लग जाएंगे।
प्रदेश में नौ हजार पुलिसकर्मी प्रशिक्षित
राज्य साइबर सेल प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए नौ हजार पुलिसकर्मियों को साइबर धोखाधड़ी की जांच के लिए अभी तक प्रशिक्षित कर चुका है। इसमें आरक्षक से लेकर निरीक्षक तक शामिल हैं। इसके अलावा कुछ उप पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं। मगर, ये राज्य साइबर सेल का हिस्सा नहीं हैं।
इनका कहना है
राज्य साइबर सेल में जांच अधिकारियों से लेकर उसे पूर्ण रूप से प्रभावशील बनाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। जहां-जहां पत्राचार की जरूरत है, उसे किया जा रहा है। जल्दी यह समस्या दूर हो जाएगी।
- योगेश देशमुख, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य साइबर सेल, मप्र।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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