भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के एक हजार से अधिक आयुष चिकित्सकों ने राजधानी के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कार्यालय के सामने बुधवार को प्रदर्शन किया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मुख्य गेट से करीब दो घंटे तक अवागमन बंद रहा। आयुष चिकित्सक डिजिटल हीमोग्लोबिन मीटर के माध्यम से एनीमिया की जांच के लक्ष्य दिए जाने को लेकर नाराज थे। एक दिन में आरबीएसके के एक चिकित्सक को 50 जांच करने का लक्ष्य दिया गया है। नर्मदापुरम की आरबीएसके की डा. रूपाली तिवारी ने बताया कि प्रदेश के आयुष चिकित्सकों को अब चिकित्सीय कार्य के स्थान पर लैब टेक्नीशियन के तर्ज पर खून की जांच साथ डाटा एंट्री करने का काम दिया गया है। जिसके विरोध में चिकित्सक सड़क पर उतरे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आरबीएसके में चिकित्सकों की कमी भी है। आरबीएसके टीम में एक महिला चिकित्सक, एक पुरुष चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट और एक एएनएम होती है।
प्रदेशभर से आए आयुष चिकित्सकों की चर्चा डिप्टी डायरेक्टर केके रावत से करीब एक घंटे तक बंद कमरे में हुई। इसमें आरबीएसके आयुष मेडिकल आफिसर एसोसिएशन के प्रदेश संयोजक डा. लोकेश दवे भी शामिल रहे। हालांकि, इस वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद अब प्रदेश के आयुष चिकित्सक आगे की रणनीति तैयार करेंगे। अभी चिकित्सक सिर्फ एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर पहुंचे थे।
Posted By: Ravindra Soni
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