भोपाल(राज्य ब्यूरो)। राज्य शासन ने दिव्यांग, कल्याणी, अविवाहिता पेंशन स्वीकृत करने के अधिकार ग्राम पंचायतों से छीन लिए हैं। अब ग्राम पंचायत प्रस्ताव तैयार कर जनपद पंचायत को भेजेंगी और मुख्यकार्यपालन अधिकारी (सीइओ) जनपद पंचायत पेंशन प्रकरणों को मंजूर करेंगे। पेंशन प्रकरण स्वीकृति में देरी और गड़बड़ी के चलते शासन ने यह निर्णय लिया है। सामाजिक न्याय एवं निश्शक्तजन कल्याण विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।
केंद्र और राज्य सरकारें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निश्शक्त पेंशन और समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत कल्याणी पेंशन, दिव्यांग पेंशन, दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन राशि, मुख्यमंत्री अविवाहिता पेंशन सहित अन्य पेंशन देगी हैं।
पेंशन प्रकरण स्वीकृति व्यवस्था को विकेंद्रीकृत करते हुए राज्य शासन ने वर्ष 2017 में यह अधिकार ग्राम पंचायतों को दे दिए थे। सूत्र बताते हैं कि पंचायतों में प्रकरण स्वीकृत करने में कई शिकायतें सामने आई हैं। जिनमें जानबूझकर प्रकरण मंजूर करने में देरी करना और चहेतों को उपकृत करने जैसे आरोप भी लगे हैं। इस स्थिति को देखते हुए यह अधिकार ग्राम पंचायतों से वापस ले लिए गए हैं।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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