H3N2 Influenza Virus: भोपाल(नवदुनिया प्रतिनिधि)। कोरोना संक्रमण के बाद फैलने वाला एच3एन2 वायरस बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा अपनी चपेट में लेता है। इसमें बच्चों को चार से पांच दिनों तक सर्दी-जुकाम बुखार होता है।

चिकित्सकों के मुताबिक इससे बचाव के लिए लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है । जिससे वह सर्दी-जुकाम और बुखार से बच सकें। हालांकि, एहतियात के तौर पर डाक्टर बचाव के लिए सावधानी बरतना बता रहे हैं।

राजधानी में सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। एम्स भोपाल में एक मरीज की रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं विभाग का कहना है कि लोगों को इससे डरने की जरुरत नहीं है, लेकिन सावधानी जरूरी है।

दो दिन पहले ही हमीदिया के अधीक्षक डा.आशीष गोहिया भी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि बुजुर्गों और बच्चों में प्रतिरोधक क्षमताएं कम होती हैं। इसलिए उन्हें सावधान रहने की जरुरत है।

हमीदिया के माइक्रोबायोलाजिस्ट डा.राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि कई साल पहले एच1एन1 महामारी आई थी। उस वायरस का फैलता स्ट्रेन अब एच3एन2 बना गया है,यह स्वाइन फ्लू के पहले भी था।

इसी वजह से यह आम स्ट्रेन है, लेकिन वायरस के म्यूटेट होने के कारण और भी ज्यादा मामले दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वायरस के खिलाफ जो लोगों के पास इम्युनिटी थी, वह कम हो गई है। इसलिए वह ज्यादा आसानी से संक्रमित हो जाते हैं। वहीं पुरानी बीमारी वालों को सावधान रहने की जरूरत है।

58 साल पुराना वायरस है ये

डा.श्रीवास्तव ने बताया किपहले जो सर्दी जुकाम बुखार चार से पांच दिनों में ठीक हो रहा था। वह अब 10 से 12 दिनों तक भी चल रहा है। जिससे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत तो है। उन्होंने बताया कि यह वायरस कोई नया नहीं, बल्कि 58 साल पुराना है। सबसे पहले यह वायरस करीब 1965 में सामने आया था। तब से इसका लगातार स्ट्रेन बदल रहा है।

ये सावधानियां बरतें

डाक्टरों के मुताबिक, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को भीड़-भीड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचाव करें। मास्क का प्रयोग करें, हाथों को समय-समय पर सैनेटाइज करते रहें। यदि परिवार में किसी भी व्यक्ति को संक्रमण होता है तो उसका मास्क पहनना अनिवार्य है। बाहर से आने के बाद हाथों को सैनिटाइज जरूर करें।

इनका कहना है

बच्चों और बुजुर्गों को सावधान रहना होगा, ऐसे में जरूरी होता है कि सभी को सावधानी रखना चाहिए। अभी संक्रमण प्रदेश में घातक नहीं है, लेकिन कम प्रतिरोधक क्षमता वालों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। ऐसे में सभी को कोविड वाले सभी प्रोटोकाल का पालन करना है।

- डा.राकेश श्रीवास्तव, एमडी एवं सिविल सर्जन जेपी अस्पताल

Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

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