भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। तीन दिन बाद से नौतपा शुरू होने जा रहे हैं। तापमान और उमस बढ़ने की उम्मीद हैं। ऐसे में गर्मी से होने वाली बीमारियां भी बढ़ सकती हैं। खासकर बच्चों को ज्यादा दिक्कत हो सकती है। वह उल्टी-दस्त, बुखार और पेटदर्द से परेशान हो सकते हैं। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चे का विशेष ध्यान रखें। बाजार की चीजें उन्हें नहीं खिलाएं। कटे फल या देर से रखा सलाद उन्हें खाने के लिए नहीं दें। बहुत जरूरी न हो तो दोपहर में बाहर जाने से रोकें।
हमीदिया अस्पताल की शिशु रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डा. ज्योत्सना श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चों को गर्मी में पूरी बांह वाले सूती कपड़े पहनाएं। आसानी से पचने वाला भोजन दें। उन्होंने बताया कि इन दिनों ओपीडी में आने वाले मरीजों में लगभग आधे उल्टी-दस्त और बुखार वाले ही होते हैं।
कम से कम चार लीटर पानी पीएं
बच्चों के साथ ही बड़ों की भी हालत गर्मी के चलते बिगड़ रही है। हमीदिया अस्पताल के मेडसिन विभाग ओपीडी में हर दिन करीब 400 मरीज आ रहे हैं, उनमें 150 से 200 उल्टी-दस्त और बुखार वाले होते हैं। मेडिसिन विभाग के सह प्राध्यापक डा.आरआर वर्डे ने कहा कि ओपीडी में आने वाले लगभग 10 प्रतिशत मरीजों को भर्ती भी करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अंतर देकर दिन में तीन से चार लीटर पानी इन दिनों पीना जरूरी है।
आंखों में चुभन बढ़ी
हमीदिया अस्पताल में नेत्र विभाग के सह प्राध्यापक डा. एसएस कुबरे ने बताया कि गर्मी के चलते उन लोगों को ज्यादा तकलीफ हो रही है, जिन्हें कंप्यूटर विजन सिंड्रोम है। ज्यादा देर तक कंप्यूटर में काम करने वालों को यह बीमारी होती है। आंसू कम बनने की वजह से ऐसे लोगों की आंखों में चुभन और जलन हो हो रही है। उन्होंने बताया कृत्रिम आंसू के ड्राप डालना चाहिए। ठंडे पानी से आंखों को दिन में चार से पांच बार धोना चाहिए। आंखों में गंदे हाथ नहीं लगाना चाहिए।
Posted By: Ravindra Soni
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