जीतेंद्र सक्सेना, भोपाल। इंटरनेट मीडिया पर पापा की परी के जोक्स से लड़कियों को कमतर आंकने वालों को जवाब देते हुए सीहोर की बुशरा खान ने खेलो इंडिया गेम्स में 1500 मीटर दौड़ में रजत पदक जीतकर अपनी क्षमताओं के साथ बेटियों की ताकत का एहसास भी करा दिया हैं। अपने शहर में उड़नपरी के नाम से मशहूर बुशरा ने बता दिया कि वह पापा की परी ही नही उड़नपरी भी हैंं। सिल्वर मेडल जीतकर पांच नेशनल पदक जीत चुकी बुशरा ने बताया कि पिता के निधन के बाद मैं बिलकुल टूट चुकी थी लेकिन परिवार और कोच एसके प्रसाद के लगातार मनोबल बढ़ाने के प्रयासों के बाद यह सफलता आज मिली हैं, उन्होंने कहा कि मैं अपना यह पदक अपने पिता को समर्पित करती हूं। क्योंकि आज मैं इस मुकाम पर उनकी ही बदौलत आईं हूं। वह भले ही आज दुनिया में नही हैं लेकिन उनकी बताई गई बातें मुझे हौसला देती हैं।
स्वर्ण की थी तैयारी लेकिन कुछ चीजें बदली और सिल्वर आया
बुशरा ने बताया कि मुझे रजत जीतकर ज्यादा खुशी नही हुई क्योंकि मैंने स्वर्ण जीतने के अनुसार मेहनत की थी लेकिन कभी-कभी कुछ चीजें अचानक हो जाती हैं, जिनके चलते प्रदर्शन नीचे आ जाता हैं। बता दें कि पिछले साल मई माह में बुशरा एक टूर्नामेंट में फ्रांस जाने वाली थी लेकिन उन्हें वीजा नही मिल पाया और उसी समय उनके पिता का एक हादसे में निधन हो गया तो उनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। लेकिन बुशरा न केवल उस सदमें से बाहर आईं बल्कि उन्होंने अपने इस खेल में पूरी ताकत लगा दी। बुशरा ने अपने ही अभ्यास वाले स्टेडियम के मैदान पर 4:44:39 सेकंड में दौड़ पूरी करते हुए रजत पदक जीता। वह झारखंड की आशा किरन से कुछ सेकंड ही पीछे रही जिन्होंने 4:43:50 सेकंड से स्वर्ण पदक जीता। अपने शहर में उड़नपरी की नाम से मशहूर बुशरा ने इससे पहले वर्ष 2019 के नेशनल जूनियर एथलीट चैंपियनशिप के इसी इवेंट में 4 मिनट 53 सेकंड में स्वर्ण जीतकर सुर्खियां बटोरी थी। बुशरा ऑक्सफोर्ड स्कूल में कक्षा 11वीं की छात्रा है। राजधानी भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम में कोच एसके प्रसाद से प्रशिक्षित बुशरा ने विशाखापट्टनम में वर्ष 2017 में 600 मीटर की दौड़ में कांस्य पदक प्राप्त किया था, इसके बाद वर्ष 2018 में तिरुपति में बुशरा ने 1000 मीटर की दौड़ में रजत पदक प्राप्त किया था। इसके साथ ही वर्ष 2019 नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 2000 मीटर की दौड़ में 6 मिनट 24 सेकंड में पूरी करके बुशरा ने नया रिकार्ड बनाया था। इससे पहले वर्ष 2017 में उप्र की अमृता तोड़ा था।
Posted By: Lalit Katariya