Ladli Bahna Yojna: धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। आधी आबादी का पूरा समर्थन और सत्ता बरकरार, इस फार्मूले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगभग 15 साल बाद नए अंदाज में दोहराने की तैयारी में दिख रहे हैं। 2007 में अपनी पहली पारी में उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू कर बेटियों को आगे बढ़ाने की जो पहल की, उससे उन्हें 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों में सफलता मिली।

विधानसभा चुनाव को लेकर सतर्कता

2018 के चुनाव में हार से सबक लेते हुए इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर वे खासे सतर्क हैं और उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना की तर्ज पर लाड़ली बहना योजना की घोषणा कर दी है। इसके तहत वह प्रदेश की उन सभी गरीब एवं मध्यम वर्ग की महिलाओं के खातों में प्रतिमाह 1000 रुपये देंगे, जो आयकर सीमा से बाहर हैं।

मध्य प्रदेश में एक करोड़ से अधिक महिलाएं दायरे में आएंगी

एक अनुमान के मुताबिक मध्य प्रदेश में एक करोड़ से अधिक महिलाएं इस दायरे में आएंगी। ऐसे में सरकार पर प्रति वर्ष 12 हजार करोड़ रुपये का खर्च बढ़ सकता है। प्रदेश में दो करोड़ 60 लाख 23 हजार 733 महिला मतदाता हैं। योजना का प्रारूप अभी तैयार होना है। इसके बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होगी, लेकिन शिवराज आश्वस्त कर रहे हैं कि रक्षाबंधन तक लाड़ली बहनों के खातों में पैसे आने शुरू हो सकते हैं।

हर महीने रोजगार दिवस का आयोजन

दरअसल, चौहान अलग तरीके की सोशल इंजीनियरिंग पर काम करते रहे हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना हो या मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, किसानों को सम्मान निधि के साथ अतिरिक्त 4000 रुपये देने हों या हर महीने रोजगार दिवस का आयोजन कर 12 लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना।

खिलाड़ियों के बीच भी नए तरीके से संदेश

इसी तरह खेलो इंडिया गेम्स के माध्यम से खिलाड़ियों के बीच भी शिवराज सरकार नए तरीके का संदेश दे रही है। शिवराज सिंह चौहान आयु, आमदनी और जीवन शैली के आधार पर अलग-अलग वर्गों को खुश कर अपने साथ जोड़ने का कोई मौका नहीं गंवाते।

महिलाओं और बच्चियों के बीच मामा की छवि

महिलाओं और बच्चियों के बीच उनकी मामा की छवि इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। शिवराज सरकार ने स्थानीय निकाय चुनाव से लेकर शासकीय सेवाओं तक में महिलाओं को 33 से 50 प्रतिशत तक आरक्षण की व्यवस्था की है। आजीविका मिशन के तहत महिलाओं के स्व सहायता समूहों को ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की बड़ी पहल भी हो चुकी है।

सहरिया-भारिया महिलाओं को भी प्रतिमाह एक हजार रुपये

इसके अलावा आदिवासी वर्ग सहरिया-भारिया महिलाओं को भी प्रतिमाह एक हजार रुपये देने के साथ रोजगार से भी जोड़ा जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर शिवराज लंबे समय से दुराचारियों को फांसी की सजा के पक्षधर रहे हैं।

अन्याय पर कड़ी सजा का प्रविधान

आदिवासी क्षेत्रों के लिए पेसा एक्ट लागू करने में भी महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय पर कड़ी सजा का प्रविधान है। आदिवासी महिलाओं से शादी कर पंचायत चुनाव लड़ने या जमीन खरीदने की मंशा रखने वालों को शिवराज ने सख्त चेतावनी दी है। इन प्रयासों के बाद लाड़ली बहना योजना शिवराज का ऐसा मास्टर स्ट्रोक है, जो भाजपा को 51 प्रतिशत वोट शेयर दिलाने में महत्वपूर्ण रूप से कारगर साबित हो सकता है।

देशभर में लाड़ली लक्ष्मी योजना ने बटोरी थी लोकप्रियता

बालिका जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंग अनुपात में सुधार, बालिकाओं की शैक्षणिक स्तर तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार तथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में 01 अप्रैल 2007 से लाड़ली लक्ष्मी योजना लागू की गई थी। इस योजना ने पूरे देश में लोकप्रियता हासिल की थी और कई राज्यों ने इसे अलग-अलग नामों से लागू भी किया।

Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

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