भोपाल (नईदुनिया स्टेट ब्यूरो), Madhya Pradesh Budget 2021। कोरोना काल में उद्योगों और रोजगार के क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। मध्य प्रदेश सरकार ने बजट में इस समस्या से उबरने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। बजट में सभी प्रकार के उद्योगों को राहत देने और नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए घोषणाएं की गई हैं। अटल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे से जुड़े क्षेत्रों में नए औद्योगिक पार्क विकसित करने की घोषणा से रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे। साथ ही लैंड पूलिंग नीति के बेहतर क्रियान्वयन के जरिये उद्योग स्थापना का रास्ता आसान किया गया है। प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने बजट भाषण में अटल प्रोग्रेसवे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे को लेकर घोषणा की है कि इनसे जुड़े क्षेत्रों में नए औद्योगिक पार्क विकसित किए जाएंगे।
अभी इनके मार्ग में औद्योगिक विकास एवं निवेश क्षमताओं का आकलन किया जा रहा है। ये घोषणाएं इस मायने में महत्वपूर्ण हैं कि औद्योगिक पार्क विकसित करने का सीधा मतलब होता है कि यहां बड़े पैमाने पर निवेश होगा और इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर बनेंगे। इससे जुड़े कार्यों के चलते पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा बजट भाषण में यह भी बताया गया है कि औद्योगिक क्षेत्रों में सेक्टर विशिष्ट गतिविधियों के लिए औद्योगिक क्लस्टर चिह्नित कर विकसित किए जाएंगे। औद्योगिक विकास हेतु उपयुक्त क्षेत्रों में भूमि प्रदान करने के लिए लैंड पूलिंग नीति के तहत अधिग्रहण किया जाना प्रारंभ किया गया है। इसका सीधा आशय यह है कि औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने में सुविधा होगी। मालूम हो, विकास प्राधिकरणों की विकास योजनाओं में 20 फीसद के स्थान पर भू-स्वामी को 50 प्रतिशत विकसित जमीन वापस की जाएगी।
दरअसल, मास्टर प्लान में विकास योजनाओं को शामिल किया जाता है। इसके लिए चिह्नित जमीन पर भू-स्वामी को इन पर विकास कार्य का अधिकार नहीं होता था। योजना पर भले ही काम शुरू न हुआ हो, लेकिन भूस्वामी को निर्माण कार्य का अधिकार होगा। ऐसी विकास योजनाएं, जिनमें 10 फीसद भी काम नहीं हुआ है, उनमें किसानों की जमीन वापसी का भी प्रविधान है।
सरकार का संकल्प- 30 दिन में शुरू हो व्यापार
बजट में बताया गया है कि केंद्र की मेक इन इंडिया नीति के तहत उद्योगों का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान बढ़ाकर 25% किया जाना लक्षित है। इस दिशा में प्रयास जारी हैं। राज्य में छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देने के साथ बड़े उद्योगों के निवेश के लिए सकारात्मक वातावरण तैयार किया जा रहा है। निवेशकों को उद्योग स्थापित करने के लिए किए गए पूंजीगत निवेश पर प्रोत्साहन राशि वित्त वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान 680 करोड़ रुपये को बढ़ाकर वर्ष 2021-22 के लिए 1437 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से नई योजना मुख्यमंत्री स्वरोजगार (ब्याज परिदान) प्रारंभ की जाएगी। इसके लिए 112 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। '30 दिन में व्यापार शुरू करें' के लक्ष्य को पूरा करने का संकल्प सरकार ने लिया है।
30 दिन में व्यापार शुरू करने की नीति काफी आकर्षक और राहत देने वाली है। कई सकारात्मक कदम उठाए गए हैं। यदि तय समय सीमा में इनका क्रियान्वयन हो जाता है तो उद्योगों को काफी राहत मिलेगी। - राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज, मंडीदीप
4500 मेगावाट सोलर एनर्जी के प्रविधान से बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी। टैक्स न बढ़ाना राहत की बात है। नर्मदा कॉरिडोर से रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। - डॉ. राधाशरण गोस्वामी, अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ मप्र चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
Posted By: Prashant Pandey
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