Madhya Pradesh Budget : भोपाल (राज्य ब्यूरो)। राज्य सरकार मध्य प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए एक ओर जहां औद्योगिक विकास पर जोर दे रही है, वहीं पूंजीगत व्यय को भी और बढ़ाने की कार्ययोजना पर काम कर रही है। वर्तमान बजट में इसे 21 प्रतिशत बढ़ाकर 48,800 करोड़ रुपये किया गया था।
आगामी बजट में पूंजीगत व्यय के लिए प्रविधान 55 हजार करोड़ रुपये से अधिक करना प्रस्तावित है। इसका लाभ यह होगा कि केंद्र सरकार से विशेष पूंजीगत सहायता अधिक प्राप्त होगी। वर्तमान वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार ने राज्य के लिए 6,280 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इसमें से 3,140 करोड़ रुपये मिल चुके हैं।
सरकार स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करने के लिए निवेश को बढ़ावा देने पर कार्ययोजना बनाकर काम कर रही है। इसके लिए अधोसंरचना विकास के कामों को गति दी जा रही है। 56 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत की सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
औद्योगिक विकास केंद्रों में सभी तरह की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। नए औद्योगिक केंद्र बनाने के साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। ऊर्जा के क्षेत्र में सुधार के लिए कार्ययोजना बनाकर काम हो रहा है।
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने विशेष पूंजीगत सहायता योजना शुरू की थी। राज्य को 2020-21 में 1,320 करोड़ रुपये प्राप्त हुए और 2022-23 में 6,280 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
राज्य के बजट में पूंजीगत व्यय के लिए पहली बार 21 प्रतिशत की वृद्धि करके 48,800 करोड़ रुपये का प्रविधान रखा गया। इसके साथ ही अनुपयोगी परिसंपत्तियों को नीलाम कर प्राप्त राशि का प्रदेश के विकास में उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार से 159 करोड़ रुपये से अधिक राशि प्राप्त होनी है, जिसका प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
अधोसंरचना विकास के लिए 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का होगा प्रविधान
सूत्रों का कहना है कि आगामी बजट में अधोसंरचना विकास के लिए 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रविधान रखा जा सकता है। इसमें सर्वाधिक राशि पिछली बार की तरह ऊर्जा विभाग को उपलब्ध कराई जा सकती है।
वहीं, जल जीवन मिशन के कार्यों को तेजी के साथ पूरा करने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को अतिरिक्त राशि मिल सकती है। केंद्र सरकार से भी प्रदेश ने साढ़े सात हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की मांग की है। वहीं, केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए ढाई हजार करोड़ रुपये मांगे गए हैं
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay