भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मंत्रीगण सार्वजनिक कार्यक्रम या बैठकों में बोलते समय यह ध्यान में रखें कि उसका असर क्या होगा। कई बार हम सहज भाव से ऐसी बात कह जाते हैं, जिसका भाव भले पवित्र हो पर असर कुछ हो जाता है। ऐसी स्थिति से बचना चाहिए। यह हिदायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद मंत्रियों को अनौपचारिक चर्चा में दी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि किसी को कुछ कहने या गलत अर्थ निकालने का मौका ही नहीं मिलना चाहिए। मालूम हो कि पिछले दिनों खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने सामान्य वर्ग की महिलाओं को लेकर अनूपपुर के फुनगा गांव में आयोजित सम्मान समारोह में विवादास्पद बयान दिया था। इस पर करणी सेना सहित अन्य संगठन ने आपत्ति जताते हुए माफी मांगने और बिसाहूलाल सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की थी।
लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने पार्टी की ओर से इस पर माफी मांगी थी और मुख्यमंत्री ने मंत्री को तलब करके उन्हें सख्त हिदायत दी थी। साथ ही सभी मंत्रियों और कार्यकर्ताओं से कहा था कि ऐसे घटना की पुनरावृत्ति पर माफी नहीं दी जाएगी। सबको मर्यादा में रहने होगा। बैठक में मंत्रियों को विशेष बैठकों में समय पर आने की नसीहत भी दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी बैठकों का अपना महत्व होता है। उल्लेखनीय है कि भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने भोपाल प्रवास के दौरान मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ बैठक की थी। इसमें कुछ मंत्री विलंब से पहुंचे थे, जिस पर उन्होंने आपत्ति भी दर्ज कराई थी।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay