Madhya Pradesh News: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रानिक वाहनों के संचालन के लिए नई नीति बनाई जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2019 में संशोधन कर इसे पुन: लागू किया जाएगा। वर्तमान समय में ई वाहनों को लेकर काफी कुछ बदलाव हुए हैं। नई आवश्यकताओं को देखते हुए पूर्व की नीति में भी बदलाव की आवश्यकता है।
राज्य सरकार ने नीति को नए स्वरूप में बनाने की कवायद शुरू कर दी है। जून में विशेषज्ञों के साथ एक बैठक भी आयोजित की जा रही है। इस बैठक में प्रदेश के वाहन निर्माता, वाहन डीलर, ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को बुलाया जा रहा है। इनके साथ बैठक कर नई नीति के लिए सुझाव भी लिए जाएंगे। इन सुझावों के आधार पर नीति का प्रारूप तय किया जाएगा।
परिवहन विभाग को लेकर स्पष्ट नहीं है निर्देश, नहीं शुरू हो पा रही इलेक्ट्रिक बसें
परिवहन विभाग को लेकर नीति में नियम स्पष्ट न होने से इलेक्ट्रिक वाहन चालकों को समस्या होती है। कई बार चालान काटे जाते हैं। नियमों में कुछ हद तक छूट मिली हुई है। लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। कई ट्रांसपोर्ट कंपनियां मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसें एवं मालक वाहक वाहन चलाना चाहते हैं, लेकिन परिवहन विभाग द्वारा अनुमति देने में आ रही कठिनाईयों की वजह से मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसें एवं भारी वाहनों का संचालन शुरू नहीं हो सका है। इन ट्रांसपोर्ट कपंनियों ने तो प्रदेश सरकार को इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन तक बनाकर देने की पेशकश की है।
भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार मप्र में बनेगी नई नीति
भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन को लेकर नई गाइड लाइन जारी की है। हालांकि यह गाइड लाइन भी वर्ष 2022 की है, लेकिन फिलहाल मध्य प्रदेश सरकार, भारत सरकार की इस गाइड लाइन का अध्ययन करा रही है। इसके अनुसार ही मध्य प्रदेश की नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति का प्रारूप तैयार किया जाएगा।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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