Madhya Pradesh News: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश के निजी और सरकारी आयुष कालेजों में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके बाद भी 16 सौ से ज्यादा सीटें रिक्त रह गई हैं। सबसे बुरी स्थिति निजी होम्योपैथी कालेजों की है।
इनमें छह कालेज ऐसे हैं, जहां 80 से ज्यादा सीटें रिक्त हैं। निजी आयुर्वेद कालेजों की भी स्थिति खराब है। तीन कालेजों में तो 80 से ज्यादा सीटें रिक्त रह गई हैं। खाली सीटों को भरने के लिए मापअप चरण की काउंसलिंग तीन बार हो चुकी है। इसके बाद भी सीटें नहीं भरीं। यही स्थिति रही तो आने वाले वर्षों में कुछ कालेज बंद हो सकते हैं।
इस वर्ष निजी और सरकारी मिलाकर प्रदेश के 52 कालेजों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग की गई। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कालेज प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हुए।
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के प्रवक्ता डा. राकेश पांडेय का कहना है कि निजी आयुर्वेद कालेजों में एक वर्ष की शुल्क ढाई से तीन लाख रुपये है। इसी तरह से निजी होम्योपैथी कालेजों की प्रतिवर्ष की शुल्क डेढ़ से दो लाख रुपये है।
इस तरह पूरे पाठ्यक्रम की पढ़ाई का खर्च 10 से 15 लाख रुपये आता है। रोजगार के अवसर बहुत कम हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कुछ भर्तियां की जाती हैं, पर संविदा आधार पर होने की वजह से डाक्टरों की रुचि कम रहती है। ऐसे में नीट के आधार पर उम्मीदवार उन पाठयक्रमों में प्रवेश लेने लगे हैं, जिनमें रोजगार के अच्छे अवसर हैं।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay