MP Election 2023: धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अब छह महीने बचे हैं और भाजपा में टिकट पाने के लिए भोपाल से दिल्ली तक दौर लगाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। मुश्किल यह है कि जिन दिग्गजों के भरोसे दावेदार से लेकर विधायक तक निश्चिंत बैठे थे, वही हाथ समेटते दिख रहे हैं, टिकट की गारंटी देने से बच रहे हैं। दरअसल, पिछले चुनावों में विधायक या स्थानीय नेता की तैयारियों को देखते हुए शीर्ष स्तर से चुनाव के लिए सक्रिय हो जाने के संकेत दे दिए जाते थे।
वर्तमान में अनुनय-विनय पर दिग्गज कह रहे हैं कि उनके हाथ में कुछ नहीं है। ऐसी स्थिति में मौजूदा विधायकों से लेकर दावेदारों की स्थिति यह है कि वे पूरे मन से चुनाव की तैयारी भी नहीं कर पा रहे हैं। यह दशा तब है, जब मप्र विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 127 है और हाल ही संगठन और केंद्रीय नेतृत्व द्वारा कराए गए सर्वे में लगभग 38 विधायकों का प्रदर्शन बेहद कमजोर पाया गया है।
प्रदेश भाजपा संगठन में कई पावर सेंटर होने से भी विधायक और दावेदार असमंजस में हैं कि दो टूक जवाब मिलने पर किस चौखट पर दस्तक दें। उधर, पार्टी द्वारा बार-बार सभी विधायकों को सर्वे का हवाला देकर कहा जा रहा है कि उनका परफार्मेंस कमजोर है।
माना जा रहा है कि इस संदेश से विधायक अपने क्षेत्र में गंभीरता से सक्रिय हो जाएं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की वन टू वन बातचीत में भी कई बार विधायक और दावेदारों को इशारों में बता दिया जाता था कि उनका टिकट पक्का है, चुनाव के लिए तैयार रहें, लेकिन इस बार चुनाव में हालात अलग हैं।
टिकट के बंटवारे में महत्वपूर्ण भूमिका वाले मप्र के ज्यादातर नेता भी इन दिनों मौन धारण किए हुए हैं। आमतौर पर मुख्यमंत्री, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष, संगठन महामंत्री और प्रदेश प्रभारी स्तर के नेता अपने समर्थकों को चुनाव से पहले ही आश्वस्त कर दिया करते थे कि वे जाकर मैदान संभाले, यहां से उन्हें हरी झंडी है।
ऐसे पावर सेंटर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, संगठन महामंत्री हितानंद, प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश शामिल हैं। यही नेता प्रदेश चुनाव समिति के भी सदस्य होते हैं, इस कारण दावेदारों को उम्मीद रहती है कि उन्हें टिकट दिलाने में ये मदद करेंगे।
उधर, 15 महीनों को छोड़कर पिछले 18 सालों से सत्ता पर काबिज होने के कारण भाजपा में एक सीट पर टिकट के कई दावेदार तैयार हो गए हैं। पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, नगरपालिका अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष, मंडी अध्यक्ष, भाजयुमो अध्यक्ष, महिला मोर्चा अध्यक्ष, किसान मोर्चा के अध्यक्ष सहित कई नेता टिकट पाने की कतार में खड़े हैं।
इनका कहना है
भाजपा की प्रदेश की चुनाव समिति टिकट के बारे में फैसला करेगी। पार्टी नेतृत्व के पास विभिन्न स्रोतों से आए फीडबैक हैं। सही समय पर सारे फीडबैक चुनाव समिति के सामने रखे जाएंगे, जिसकी घोषणा केंद्रीय संसदीय बोर्ड करेगा।
- डा. हितेष वाजपेयी, प्रवक्ता भाजपा मप्र।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay