भोपाल। प्रदेश के गृहमंत्री और भाजपा नेता डा. नरोत्‍तम मिश्रा विपक्षी दल कांग्रेस पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं चूकते। कनार्टक के विधानसभा चुनाव नतीजों से उत्‍साहित मप्र कांग्रेस यहां भी वैसे ही प्रचार अभियान की रणनीति बना रही है, जैसा कर्नाटक में पार्टी के प्रदेशाध्‍यक्ष डीके शिवकुमार ने चलाया था। डीके का फार्मूला यहां भी लागू करने की तैयारी है। कांग्रेस की इस कवायद पर नरोत्‍तम ने तंज कसा है। बुधवार सुबह पत्रकारों से चर्चा के दौरान नरोत्‍तम ने कहा कि मध्य प्रदेश में तो पहले से ही डीके यानी यानी दिग्विजय सिंह और कमल नाथ मौजूद हैं। अब बर्बाद कांग्रेस करने को ये ही डीके काफी हैं, बाहर के डीके आ जाएंगे तो अंजामे-कांग्रेस क्या होगा।

इसके साथ-साथ नरोत्‍तम ने कमल नाथ को सुझाव दिया कि उन्‍हें को विश्वास करना है तो बाहर के डीके पर न करें, बल्कि सुरेश पचौरी, अरूण यादव, कांतिलाल भूरिया जैसे उनके वरिष्ठ नेता घर बैठे हैं, उनपर विश्वास करके उन्हें काम में लें। आयातित लोगों से मध्य प्रदेश में काम नहीं चलने वाला है और यहां की जनता कांग्रेस को अच्छी तरह समझ गई है।

10 जनपथ का खेड़ा के जरिए कमल नाथ को स्‍पष्‍ट संदेश

नरोत्‍तम ने कांग्रेस के राष्‍ट्रीय पवन खेड़ा के उस बयान पर भी चुटकी ली, जिसमें उन्‍होंने कहा था कि पार्टी की ओर से मुख्‍यमंत्री कौन होगा, इसकी एक स्‍पष्‍ट परंपरा है, जिसमें सब मिलकर तय किया जाता है। नरोत्‍तम ने खेड़ा के इसी बयान के बहाने कमल नाथ पर निशाना साधा और कहा कि ये जो स्‍वयंभू बने बैठे थे कि भावी मुख्‍यमंत्री हैं, अवश्‍यंभावी हैं, मप्र कांग्रेस की जरूरत हैं, खेड़ा ने इस सब पर पानी फेर दिया है। राहुल गांधी संभवत: भूले नहीं होंगे कि कैसे उनसे 02 लाख रुपये कर्जा माफी का झूठ बुलवाया था और उनकी राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष होने के नाते कैसी किरकिरी कराई थी कमल नाथ ने। इसलिए कमल नाथ को समझ जाना चाहिए कि यह 10 जनपथ का इशारा है।

राष्‍ट्रभक्‍तों पर बैन लगाना तुष्‍टीकरण की राजनीति

केरल के मंदिरों में आरएसएस की शाखा पर प्रतिबंध लगाने की नरोत्‍तम मिश्रा ने आलोचना की और कहा कि विनाश काले विपरीत बुद्धि। राष्ट्रभक्तों पर वहां पर बैन लग रहा है। बड़े-बड़े विज्ञापन भी कि द केरल स्टोरी जो आ गई है मार्केट में, उसके कारण हो रहा है। दूसरी बड़ी गलती है यह है कि ये तुष्टीकरण की राजनीति है कांग्रेस है, उसे अब पूरा देश समझ रहा है। तुष्टिकरण की राजनीति के कारण राष्ट्रीय भक्तों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।

Posted By: Ravindra Soni

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