भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। शहर के आसमान में गुरुवार शाम को झिलमिलाती श्वेत रोशनी की कतारें कौतूहल का विषय बनी रहीं। लोगों ने घटनाक्रम के वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किए। इसके साथ ही कयास लगाने का सिलसिला भी शुरू हो गया। किसी ने पुच्छल तारा बताया तो कोई उड़नतश्‍तरी की बात कहने लगा। हालांकि इस बारे में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र का कहना है कि यह अमेरिका द्वारा गुरुवार को अंतरिक्ष में स्थापित करने के लिए छोड़े गए सैटेलाइट हैं। यह एक नहीं कई सैटेलाइट्स हैं, जो काफी ऊंचाई पर रहने के कारण दूर से एक कतार में दृष्टिगोचर हो रहे थे।

बादल नहीं रहने के कारण गुरुवार को आसमान पूरी तरफ साफ था। शाम ढलते ही करीब सात बजे लोगों ने ट्यूबलाइट की तरह सफेद झक रोशनी की झिलमिलाती कतारें देखीं तो हतप्रभ रह गए। कौतूहल के कारण लोग छतों पर चढ़कर आसमानी रोशनी को वीडियो में कैद करने लगे। इसके साथ ही तरह-तरह की चर्चाओं दौर भी चल निकला। किसी ने उड़नतश्‍तरी होने की आशंका जताई, तो किसी ने उल्का पिंड या पुच्छल तारे के गुजरने की बात कहकर लोगों की जिज्ञासा शांत करने की कोशिश भी की। तर्क दिया गया है कि एक-दो फरवरी के आसपास एक पुच्छल तारा के नजर आने की संभावना भी थी।

इस मामले में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र के प्रमुख विज्ञानी साकेत सिंह कौरव ने बताया कि आसपास में कतारबद्ध चमकती रोशनी न तो कोई उल्का पिंड है और न ही कोई पुच्छल तारा। दरअसल इंटरनेट का नेटवर्क मुहैया कराने के लिए अमेरिका द्वारा हजारों सैटेलाइट अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को भी 53 सैटेलाइट छोड़े गए हैं। वे सभी अपनी कक्षा की ओर बढ़ने के दौरान देखे गए हैं। हालांकि उनके बीच में दूरी रहती है, लेकिन ऊंचाई अधिक होने के कारण वे कतार में दृष्‍टिगोचर हो रहे थे। यह किसी तरह की कोई खगोलीय घटना नहीं है।

Posted By: Ravindra Soni

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