Rabi Crop Procurement: भोपाल(राज्य ब्यूरो)। गेहूं, चना के उपार्जन (बेचने) के लिए किसान खुद उपार्जन केंद्र चुन सकेंगे। बुधवार को अपने आवास पर रबी फसल के उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिम्मेदार अधिकारियों से कहा कि किसानों को उपार्जन केंद्र चुनने की सुविधा दें, ताकि उन्हें अपनी उपज तुलवाने में समस्या न आए। वहीं उन्हें समय पर राशि का भुगतान करें। उन्होंने उपार्जन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो। बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहू लाल सिंह, सहकारिता मंत्री डा़ अरविंद भदौरिया और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

प्रदेश में 25 मार्च से गेहूं उपार्जन शुरू होगा, अनाज के भंडारण एवं परिवहन के लिए आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष किसान तीन चौथाई (15 लाख) पंजीयन करा चुके हैं। लगभग 20 लाख पंजीयन होने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि भोपाल, इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभागों में 25 मार्च से उपार्जन प्रारंभ होगा। जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर और चंबल संभाग में एक अप्रैल से उपार्जन प्रारंभ होगा। प्रदेश में चार हजार 223 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। करीब तीन लाख गठान बारदाना लगने का अनुमान है, जिसका प्रबंध किया जा चुका है।

वर्तमान में उपलब्ध बारदानों से लगभग 70 लाख टन उपार्जन संभव है। भंडारण के लिए भारतीय खाद्य निगम, अधिग्रहित गोदाम, ओपन केप, सायलो बैग सभी शासकीय और अर्द्धशासकीय एजेंसियों के गोदाम उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश

  • - भंडारण क्षमता अच्छी रखें।
  • - उपार्जन केंद्र पर्याप्त हों।
  • - बारदाने की कहीं भी कमी न हो।
  • - आवश्यक परिवहन व्यवस्था हो।
  • - उपार्जन से जुड़े कार्यों में तकनीक का उपयोग हो।
  • - न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों को समय पर राशि का भुगतान करें

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