भोपाल/इटारसी, नवदुनिया प्रतिनिधि। एक साल के इंतजार के बाद ठीक नर्मदा जयंती के दिन रेलवे ने नर्मदापुरम शहर के स्टेशन का नाम होशंगाबाद से बदलकर नर्मदापुरम करने का आदेश जारी कर दिया। आखिरकार होशंगाबाद रेलवे स्टेशन को भी इस नाम से छुटकारा मिल गया। अब रेलवे स्टेशन भी नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा।
रेलवे से आदेश मिलने के बाद रेलवे स्टेशन पर भी नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन के नाम की पट्टिकाएं लगाई जाएंगी। पिछले साल 8 फरवरी 2022 को नर्मदा जयंती समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम करने की घोषणा की थी। इसके बाद शहर और जिले का तो नाम बदल दिया था, लेकिन केंद्र सरकार के अधीन विभागों के पास नर्मदापुरम का आदेश नहीं पहुंचा था। कई महीने तक केंद्रीय विभागों के उन दफ्तरों में होशंगाबाद नाम ही लिखा रहा। अब रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर होशंगाबाद की जगह नर्मदापुरम नाम किया गया है।
यह होगा स्टेशन कोडनेम
होशंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम परिवर्तित कर नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन किए जाने की भारत सरकार द्वारा एनओसी (अनापत्ति) मिल गई है। रेलवे स्टेशन का नया कोड एनडीपीएम है। इसी नाम से रेलवे स्टेशन का नाम सर्च होगा और टिकट आदि की बुकिंग होगी। जनसंपर्क अधिकारी रेलवे सूबेदार सिंह ने बताया कि पश्चिम मध्य रेल भोपाल मण्डल के होशंगाबाद रेलवे स्टेशन के नाम परिवर्तन की अधिसूचना जारी हो गई है। अब यह स्टेशन नर्मदापुरम के नाम से जाना जाएगा। स्टेशन का नाम बदलने के साथ ही स्टेशन कोड भी बदल गया है। नर्मदापुरम स्टेशन का कोड एनडीपीएम रहेगा।
राज्य सरकार द्वारा होशंगाबाद जिले का नाम नर्मदापुरम घोषित करने के बाद से ही होशंगाबाद स्टेशन का नाम भी नर्मदापुरम करने की मांग उठ रही थी। जिसे ध्यान में रखते हुए इस स्टेशन का नाम बदलने का निर्णय लिया गया, जिसके लिए अधिसूचना जारी हो गई है। 8 फरवरी 2022 को नर्मदा जयंती पर जलमंच से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिले का नाम नर्मदापुरम करने की आधिकारिक घोषणा की थी। रेलवे स्टेशन का नाम होने में एक साल बीत गया। केंद सरकार की एनओसी मिलने में दूसरी नर्मदा जयंती आ गई। शनिवार 25 जनवरी को रेलवे स्टेशन का नाम होशंगाबाद से बदलकर नर्मदापुरम करने का राजपत्र जारी हुआ।इस मामले में सांसद राव उदयप्रताप सिंह और सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह ने भी रेलवे को पत्र लिखा था। साल 2022 में सीएम की घोषणा के बाद शहर, जिले का तो नाम बदल दिया गया था, लेकिन केंद्र सरकार के अधीन विभागों के पास नर्मदापुरम का आदेश नहीं पहुंचा था। केंद्रीय विभागों के दफ्तरों में होशंगाबाद नाम ही चलन में रहा। डाक विभाग की मुद्रा में भी होशंगाबाद नाम चलता रहा। पिछले साल आनन-फानन में रेलवे प्लेटफार्म पर नर्मदापुरम के पोस्टर लगाए गए थे, लेकिन बाद में इन्हें अचानक हटा दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों जब हबीबगंज स्टेशन के नए ढांचे का लोकार्पण कर इसका नाम रानी कमलापति किया गया तो उसी दिन नाम परिवर्तन के आदेश रेलवे ने जारी कर दिए थे, लेकिन होशंगाबाद को नर्मदापुरम स्टेशन बनाने में एक साल का वक्त लगा।
हुशंगशाह की पहचान खत्म
इस बदलाव के बाद अब मुगल शासक हुशंगशाह गौरी के दौर से चला आ रहा होशंगाबाद नाम अब अतीत बन जाएगा। राज्य और केन्द्र दोनों सरकार ने नर्मदापुरम को नई पहचान दी है। 1405 ईसवी में हुशंगशाह गौरी के शासन में ऐतिहासिक अभिलेखों में इसका नाम पहली बार सामने आया था। हुशंगशाह ने नर्मदापुरम में हंडिया और जोगा में एक छोटा किला तैयार किया था।
Posted By: Ravindra Soni