
भोपाल। सपाक्स समाज संस्था (सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक कल्याण समाज संस्था) ने मंगलवार को 'सपाक्स पार्टी" की विधिवत घोषणा कर दी। पार्टी ने अपना ध्वज (झंडा) भी जारी कर दिया और प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों से उम्मीदवार उतारने का एलान भी किया है। पार्टी ने साफ कहा कि प्रत्याशी स्थानीय जनता की अनुशंसा पर चुने जाएंगे और पार्टी को रिफ्यूजी कैंप नहीं बनाने दिया जाएगा।
पार्टी की घोषणा सपाक्स समाज संस्था के अध्यक्ष और सेवानिवृत्त आईएएस अफसर डॉ. हीरालाल त्रिवेदी ने की। अब वे पार्टी के अध्यक्ष रहेंगे और समाज संस्था के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे। उनके साथ वे सारे पदाधिकारी भी समाज संस्था से इस्तीफा देंगे, जो पार्टी में विभिन्न् जिम्मेदारियां संभालेंगे।
वहीं संस्था के अध्यक्ष सहित सदस्यों की नियुक्ति फिर से होगी। पार्टी पदाधिकारियों ने सत्ता में आने पर पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया है। वहीं जनता से भाजपा और कांग्रेस का बॉयकाट करने का आह्वान किया है। इस चुनाव में पार्टी के अध्यक्ष डॉ. त्रिवेदी ही पार्टी का चेहरा होंगे।
डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि पार्टी का संविधान बन चुका है और चुनाव आयोग उसका परीक्षण कर रहा है। उन्होंने बताया कि आयोग में पार्टी के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है। वे कहते हैं हम आरक्षण या किसी जाति विशेष के विरोधी नहीं हैं। हम उन सरकारों के खिलाफ हैं, जो वोट बैंक की राजनीति के चलते समाज में वैमनस्यता फैला रही हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के तौर पर हम सभी समाजों को साथ लेकर चलेंगे और प्रदेश में समरसता कायम करने के लिए वोट मांगेंगे।
सेवानिवृत्त आईएएस अफसर वीणा घाणेकर ने पार्टी में आस्था जताते हुए भूमि सुधार आयोग के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है। वे सपाक्स पार्टी में उपाध्यक्ष बनाई गई हैं। इसके अलावा सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर विजय वाते, सेवानिवृत्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. केएल साहू को पार्टी में उपाध्यक्ष बनाया गया है। इंजीनियर पीएस परिहार को पार्टी का संयोजक चुना गया है।
पार्टी अपना घोषणा पत्र आचार संहिता प्रभावी होने के बाद जारी करेगी। पार्टी ने कहा कि उम्मीदवारों का प्रचार करने के लिए न तो सेलेब्रिटी लाएंगे और न ही अन्य परंपरागत तरीके इस्तेमाल करेंगे। हम सोशल मीडिया के जरिए और माउथ पब्लिसिटी करेंगे। पार्टी को सरकार के खिलाफ आक्रोश को भुना लेने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री के चेहरे पर डॉ. त्रिवेदी बोले ये विधायक दल का काम है।
बाबाओं को टिकट देने का पूछने पर पार्टी के संयोजक पीएस परिहार कहते हैं कि बाबाओं का राजनीति में क्या काम। परिहार ने कहा कि पार्टी रिफ्यूजी कैंप नहीं बनेगी। जिसे भी पार्टी में आना है, अभी आ जाए। उनके दलों के प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद असंतुष्टों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। वहीं पार्टी में अपराधियों की कोई जगह नहीं होगी।
सपाक्स संगठन ने ढाई साल में सपाक्स कर्मचारी संघ से लेकर सपाक्स पार्टी तक का सफर तय किया है। पदोन्न्ति में आरक्षण मामले में हाईकोर्ट का फैसला आने के ठीक पहले 10 फरवरी 2016 को सपाक्स संस्था (सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक अधिकारी-कर्मचारी संस्था) का उदय हुआ। सरकार के खिलाफ समाज को खड़ा करने के लिए 21 नवंबर 2016 को सपाक्स समाज संस्था (सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक कल्याण समाज संस्था) का जन्म हुआ और अब सपाक्स पार्टी का उदय हुआ है।