Tax Audit Software: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। कंपनियां अब आय-व्यय के लेखा-जोखा में कोई फेरबदल नहीं कर पाएंगी। ऐसा इसलिए कि कारपोरेट मामलों के मंत्रालय ने उन्हें आडिट ट्रेल वाले साफ्टवेयर उपयोग करने को कहा है, जिसमें एक बार जानकारी दर्ज करने के बाद कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। यह व्यवस्था इसलिए की गई है कि कंपनियां आयकर, जीएसटी सहित किसी भी तरह की कर चोरी नहीं कर पाएं। व्यवस्था एक अप्रैल से लागू हो रही है। यह नियम अभी सिर्फ कंपनी पर लागू होगा। अभी यह पार्टनरशिप फर्म, एकल स्वामित्व वाली कंपनी और ट्रस्ट पर लागू नहीं होगा, लेकिन बाद में उनके लिए भी अनिवार्य किया जा सकता है। दरअसल, पहले खाता-बही रजिस्टर में होती थी। इसमें कंपनियां अपने हिसाब से लेनदेन के ब्योरे में बदलाव कर लेती थीं।
साफ्टवेयर नहीं होगा बंद
अब माइक्रोसाफ्ट, टैली, बिजी आदि साफ्टवेयर उपयोग किए जा रहे हैं। इनमें भी आयकर या जीएसटी का रिटर्न भरने के दौरान व्यापारी या उनके कर सलाहकार आवश्यकता के अनुसार आंकड़े कम-ज्यादा करते थे। अब केंद्र सरकार ने आडिट ट्रेल वाले साफ्टवेयर का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। इसमें एक बार जानकारी दर्ज करने के बाद कोई फेरबदल नहीं किया जा सकेगा। यह साफ्टवेयर बंद भी नहीं होगा। साथ ही आंकड़ों में छेड़छाड़ की कोशिश की तो इसे भी पकड़ा जा सकेगा। इस व्यवस्था से कंपनियां चिंतित हैं जो कर चोरी कर रही थी।
कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार एक और नया प्रयास कर रही है, इससे कंपनियों को हिसाब किताब और अच्छे तरीके से रखना पड़ेगा, कर कम चुकाने के लिए बही खातों में जो समायोजन बाद में किए जाते हैं उन पर रोक लगाने का यह प्रयास है। अगर यह सफल रहता है तो हो सकता है कि सरकार इसे बाद में दूसरे कारोबारियों पर भी लागू कर दे। - मृदुल आर्य, अध्यक्ष, टैक्स ला बार एसोसिएशन, भोपाल
Posted By: Prashant Pandey
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