भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। रानी कमलापति। एक गोंड रानी, जो पति निजाम शाह की मौत के बाद मध्यप्रदेश के भोपाल और आसपास के इलाकों को सुरक्षित रखने के लिए दुश्मनों से लड़ीं। बेटे नवल शाह को न्योछावर कर दिया। आखिरी दम तक हार नहीं मानी। रानी के इस साहस की चर्चा से 320 वर्ष (1700 से 1720 के बीच) पहले खूब हुई थी। हर कोई उनके साहस का कायल था। हाल में मध्यप्रदेश के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रखा गया तो फिर उनका नाम चर्चा में आ गया। वे दुनिया के पटल पर पुन: स्थापित हो गईं। हालांकि अब रानी कमलापति को भारतीय रेलवे ही भूल रहा है। रेलवे की अधिकृत वेबसाइट indianrail.gov.in पर अभी भी हबीबगंज की जगह रानी कमलापति दर्ज नहीं किया गया है। इससे यात्रियों को आनलाइन पूछताछ करने में दिक्कत हो रही है।
दरअसल, हबीबगंज रेलवे स्टेशन दुनिया के पटल पर 22 दिन पहले रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के नाम से दर्ज हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 नवंबर को पुन: बनकर तैयार हुए इस स्टेशन का लोकार्पण किया है। खुद रेलवे बोर्ड ने स्टेशन का नाम बदला था। अब वही रेलवे बोर्ड इस नाम को भूल रहा है। अभी भी भारतीय रेल की अधिकृत वेबसाइट पर स्टेशन का नाम हबीबगंज है। यात्री परेशान हैं कि हबीबगंज नाम से टिकट बुक कराएं तो मान्य होगा या नहीं। हालांकि रेलवे ने नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पाेरेशन (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट पर स्टेशन का नाम रानी कमलापति दर्ज कर दिया था।
बता दें कि भारतीय रेलवे की इंडियन रेल डाट जीओवी डाट इन वेबसाइट है, जहां पर यात्री ट्रेनों के बारे में आनलाइन पूछताछ करते हैं। यह वेबसाइट ट्रेनों में खाली बर्थ की स्थिति, एक से दूसरे स्टेशनों के बीच चलने वाली ट्रेनों की संख्या, उनके नाम, उनके चलने के दिन व तारीखों को बताती है। इस वेबसाइट पर रिजर्व्ड ट्रेन बिटविन स्टेशन और सीट अवेलेबिलिटी विकल्प है। यात्री जब दोनों ही विकल्पों पर जाकर पूछताछ करते हैं तो रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का नाम नहीं आ रहा है। जैसे ही यात्री हबीबगंज स्टेशन डालते हैं तो पूछी गई जानकारी प्रदर्शित होने लगती है। यात्री भ्रमित हो रहे हैं। रेलवे ने 14 नवंबर को नाम बदलने की अधिसूचना जारी की थी और 15 नवंबर की रात 12 बजे से सभी आनलाइन प्लेटफार्मों पर स्टेशन का नाम हबीबगंज से बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया था, लेकिन रेलवे की अधिकृत वेबसाइट पर नाम नहीं बदला है।
वर्जन
इंडियन रेल डाट जीओवी डाट इन रेलवे की वेबसाइट है। इस पर स्टेशन का नाम रानी कमलापति स्टेशन दर्ज नहीं किया गया है। आनलाइन पूछताछ करते समय पुराना नाम हबीबगंज डालना पड़ता है। यात्रियों में भ्रम की स्थिति है। रेलवे को नया नाम जोड़ना चाहिए।
- निरंजन वाधवानी, सदस्य मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति भोपाल
Posted By: Lalit Katariya