केस एक: उमरिया में हमला - जनवरी 2016 में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में उमरिया जिले में शौच के लिए गए युवक रघु कुशवाह पर बाघ ने हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई।

केस दो: महिला को मार डाला- नवंबर 2016 में उमरिया में ग्राम ताली में बाघ के हमले में आदिवासी महिला चरकी बाई की मौत हुई। बाघ के हमले के वक्त वह सो रहीं थीं।

भोपाल। वर्ष 2016 में बाघों के हमलों में उमरिया जिले में हुई दो मौतें तो बस उदाहरण हैं। स्थिति ये है कि मप्र देश में दूसरा ऐसा राज्य है, जहां बाघों से हमलों से सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है। ऐसी सबसे ज्यादा घटना पश्चिम बंगाल में हुई हैं। ये खुलासा राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की रिपोर्ट से हुआ है। बाघों के हमलों पर रिपोर्ट बताती है कि पिछले चार साल में पश्चिम बंगाल में 41 और मप्र में 17 लोगों की जान गई, जबकि महाराष्ट्र में ये आंकड़ा 14 है।

अन्य संघर्ष में 200 से ज्यादा की जान गई

मानव-पशु संघर्ष में (बाघ को छोड़कर) चार साल में 212 लोगों की मौत हुई है। ये हमले तेंदुए, लकड़बग्घे, भालू व अन्य वन्यजीवों ने किए। हमलों में 7 हजार 774 लोग घायल हुए थे। अधिकतर हमले जंगलों से सटे गांवों में हुए जिसका शिकार ग्रामीण बने। इनमें वो हमले भी शामिल थे जो वन्यजीवों के आबादी वाले क्षेत्रों में घुसने के चलते हुए।

केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

राज्यों में मानव-पशु संघर्ष के बढ़ते मामलों के बाद पर्यावरण, वन मंत्रालय ने मूल्याकंन रिपोर्ट भेजने को कहा है। रिपोर्ट में उन इलाकों को चिन्हित कर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है, जहां मानव-पशु संघर्ष के सबसे ज्यादा मामले हुए। इसके बाद क्षेत्र विशेष से वन्यजीवों को शिफ्ट करने पर विचार हो सकता है।

अन्य वन्यजीवों के हमलों में घायलों व मौत की संख्या

वर्ष --- घायल --- मौतें

2011-12---- 2,906 --- 51

2012-13---- 2,092 --- 48

2013-14---- 1,334 --- 61

2014-15---- 1,442 --- 52

बाघ द्वारा हमले में मारे गए लोगों की संख्या

वर्ष----संख्या

2013-14----2

2014-15----6

2015-16----6

2016-17----3

(आकड़े राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अनुसार)

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